अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ तेल को लेकर डील की है. PAK का कहना है कि बलूचिस्तान में तेल और अन्य खनिजों का भंडार है. इस बीच बलोच नेता मीर यार बलोच ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को एक ओपन लेटर लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान बिकाऊ नहीं है.
मीर यार बलोच ने कहा कि इस क्षेत्र के विशाल तेल और खनिज भंडारों को लेकर आपको (ट्रंप को) पूरी तरह से गुमराह किया गया है. जनरल असीम मुनीर ने आपको भूगोल के बारे में गलत जानकारी दी है. उन्होंने आगे लिखा कि यह इलाका पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का हिस्सा नहीं, बल्कि बलूचिस्तान गणराज्य का है जो ऐतिहासिक रूप से संप्रभु राष्ट्र रहा है. उनका मुख्य तर्क था कि यह क्षेत्र बेचने योग्य नहीं है और यहां के संसाधनों का दोहन पाकिस्तान, चीन या किसी अन्य देश की तरफ से स्वीकार्य नहीं होगा.
अमेरिका-पाकिस्तान तेल डील
हाल ही में ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ तेल डील का ऐलान किया है. उन्होंने कहा था कि हो सकता है फ्यूचर में भारत भी पाकिस्तान से तेल खरीदे. अमेरिका की ये डील भारत पर दबाव बनाने की रणनीति हो सकती है. हालांकि बलोच नेता इस डील के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं. इस क्षेत्र में पहले से ही चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का बड़ा दखल है, जिस कारण से स्थानीय बलूच समुदायों का सरकारों पर अविश्वास बढ़ता गया है.
बलूच नेताओं का ऐतिहासिक संघर्ष
बलोच लंबे समय से पाकिस्तानी कब्जे और चीन की आर्थिक घुसपैठ के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं. CPEC परियोजनाओं को लेकर विरोध, विरोध-प्रदर्शन और यहां तक कि सशस्त्र संघर्ष भी इस क्षेत्र में आम हो गए हैं. मीर यार बलोच ने कहा कि हमारे संसाधनों पर हक बलूचों का है. ये पंजाब या इस्लामाबाद के दफ्तरों की मर्जी से नहीं बेचे जा सकते.