व्यावसायिक फसलों, औषधीय खेती और लघु उद्योगों को बढ़ावा देने कलेक्टर ने दिए निर्देश
धमतरी/ 31 जुलाई जिला कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने आज कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में स्पष्ट किया कि किसानों की समृद्धि और कृषि क्षेत्र का बहुआयामी विकास प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। शासकीय बालिका विद्यालय (श्रवण बाधितार्थ) में आयोजित इस बैठक में उन्होंने कृषि अधिकारियों को कई अहम दिशा-निर्देश जारी किए।
कलेक्टर मिश्रा ने कहा कि धान के साथ-साथ मिलेट, दलहन, तिलहन, मखाना और औषधीय फसलें किसानों के लिए वैकल्पिक और लाभकारी आय स्रोत बन सकती हैं। उन्होंने कहा कि मिलेट फसलें न सिर्फ पोषण से भरपूर हैं, बल्कि पशु चारे के रूप में भी उपयोगी हैं, जिनकी बाजार में बढ़ती मांग है।
बैठक में उप संचालक कृषि मोनेश साहू सहित सभी ब्लॉक स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर ने मिलेट मिशन, जैविक खेती, एकीकृत जलग्रहण प्रबंधन, और सामुदायिक बाड़ी कार्यक्रम को प्राथमिकता से लागू करने को कहा। उन्होंने कुरूद, मगरलोड, कन्हारपुरी, गुदगुदा जैसे क्षेत्रों में औषधीय फसलों (जैसे खस, ब्राह्मी, सिंदूर, पचौली) के सफल प्रयोगों का उल्लेख करते हुए इनके रकबे को बढ़ाने के निर्देश दिए।
नगरी क्षेत्र में 4,000 नारियल पौधों के रोपण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इससे किसानों को भविष्य में अच्छी आय होगी। साथ ही, कलेक्टर ने मखाना की खेती, स्थानीय उत्पादों के मूल्यवर्धन और लघु औद्योगिक इकाइयों की स्थापना पर बल देते हुए कहा कि इससे गांवों में ही रोजगार और स्वावलंबन को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने बीज, उर्वरक और खाद की उपलब्धता, स्वायल हेल्थ कार्ड, तकनीकी प्रशिक्षण, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, ई-केवाईसी, आधार सीडिंग, और केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं को तय समय-सीमा में पूर्ण किया जाए।
कलेक्टर ने चेताया कि कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जबकि बेहतर कार्य करने वालों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- धान के साथ मिलेट, मखाना, तिलहन, औषधीय फसलों को बढ़ावा
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सिंचित क्षेत्रों में गेहूं व ग्रीष्मकालीन फसलों का विकल्प
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जैविक खेती और टिकाऊ कृषि को समर्थन
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लघु औद्योगिक इकाइयों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल
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स्वायल हेल्थ टेस्टिंग और किसान प्रशिक्षण पर जोर
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केसीसी, पीएम-किसान योजनाओं की समयबद्ध मॉनिटरिंग
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उत्कृष्ट कार्य करने वालों को पुरस्कार, लापरवाही पर कार्रवाई