रबी फसलों, सिंचाई, दलहन-तिलहन उत्पादन, जैविक खेती और किसानों की आय में ऐतिहासिक वृद्धि
धमतरी / 01 सितंबर धमतरी जिले ने पिछले 25 वर्षों में कृषि क्षेत्र में ऐसी प्रगति की है, जो पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा बन सकती है। वर्ष 2000 से 2025 तक जिले ने परंपरागत खेती से आगे बढ़ते हुए आधुनिक तकनीक, सिंचाई विस्तार और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से कृषि उत्पादन और कृषक आय दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की है।
फसल क्षेत्रफल और उत्पादन में वृद्धि
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खरीफ फसल रकबा: 1,37,575 हे. (2000) → 1,35,886 हे. (2025) [लगभग स्थिर]
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रबी फसल रकबा: 40,930 हे. → 60,620 हे. [48.11% वृद्धि]
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खरीफ दलहन: 498 हे. → 693 हे.
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रबी दलहन: 10,570 हे. → 32,290 हे. [205.49% वृद्धि]
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रबी तिलहन: 498.04% की उल्लेखनीय वृद्धि
सिंचाई सुविधाओं में बड़ा विस्तार
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खरीफ सिंचित क्षेत्र: 87,390 हे. → 1,20,026 हे. [37.35% वृद्धि]
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रबी सिंचित क्षेत्र: 32,500 हे. → 74,490 हे. [129.20% वृद्धि]
बीज और उर्वरक वितरण
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बीज वितरण (2025): 60,895 क्विंटल
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उर्वरक वितरण (2025): 26,950 टन
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बीज उत्पादन कार्यक्रम: खरीफ – 650 हे., रबी – 268 हे.
फसल बीमा से सुरक्षा कवच
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कवर क्षेत्र: खरीफ – 10,864.4 हे., रबी – 5,445 हे.
जैविक खेती को मिला बढ़ावा
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खरीफ: 1,180 हे. → 1,680 हे.
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रबी: 100 हे. → 250 हे.
किसानों की आय में जबरदस्त उछाल
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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 1,02,036 कृषक लाभान्वित
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धान का समर्थन मूल्य: ₹540 → ₹3,100 प्रति क्विंटल [474% वृद्धि]
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चना उपार्जन (प्रथम बार):
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किसानों की संख्या: 2,212
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उपार्जित चना: 20,646.5 क्विंटल
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भुगतान राशि: ₹1,166.52 लाख
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पिछले ढाई दशकों में धमतरी जिले की कृषि व्यवस्था ने आधुनिकता, उत्पादकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में असाधारण प्रगति की है। किसानों की मेहनत, तकनीकी सहयोग और शासन की योजनाओं ने मिलकर जिले को राज्य का अग्रणी कृषि जिला बना दिया है। खरीफ 2025 की फसल पूर्ण होने पर इस यात्रा में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ने की संभावना है।