दिल्ली में बिजली दरों को लेकर सियासत एक बार फिर गरमा गई है. जहां बीजेपी सरकार उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डालने के आरोपों से घिरी है, वहीं कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मोर्चा खोल दिया है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि रेखा गुप्ता सरकार बिजली कंपनियों के हित में ऐसे कदम उठा रही है, जिससे आम जनता की जेब और ढीली होगी. देवेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी की रेखा गुप्ता सरकार बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए जनता की जेब पर डाका डाल रही है.
PPAC शुल्क वृद्धि पर कांग्रेस का हमला
देवेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (DERC) उपभोक्ताओं की खपत पर ईंधन और बिजली खरीद समायोजन अधिभार (PPAC) शुल्क में स्वतः वृद्धि के अनुमोदन का प्रस्ताव लाई है, जिसके जरिए दिल्ली वालों को लूटने का रास्ता साफ किया जा रहा है.
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या DERC से 24 सितम्बर तक आपत्तियां और सुझाव मांगे जाना सिर्फ औपचारिकता है? अब ईंधन दरों के उतार-चढ़ाव के नाम पर बिजली कंपनियां ही उपभोक्ताओं के बिलों में बढ़ोतरी तय करेंगी.
बीजेपी उपभोक्ताओं के बजाय कंपनियों के साथ- देवेंद्र यादव
यादव ने याद दिलाया कि मार्च में विधानसभा में बिजली मंत्री आशीष सूद ने खुद कहा था कि आम आदमी पार्टी की सरकार डिस्कॉम पर 27,000 करोड़ का कर्ज छोड़ गई है और दरें बढ़ाई जा सकती हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी जनता को राहत देने के बजाय कंपनियों का पक्ष ले रही है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आप सरकार के दौरान बीजेपी PPAC शुल्क वृद्धि का विरोध करती थी, लेकिन अब सत्ता में आते ही कंपनियों को स्वतः बिजली महंगी करने का रास्ता दे रही है. उन्होंने इसे सत्ता का नशा बताते हुए कहा कि बीजेपी सरकार जनता पर बोझ डालने की साजिश कर रही है.
जनविरोधी नीतियों से परेशान दिल्लीवासी- कांग्रेस
देवेंद्र यादव ने कहा कि अनुभव यही है कि कंपनियां दरें बढ़ाती तो हैं, लेकिन घटाती कभी नहीं. जैसे पेट्रोल-डीजल के दामों में अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिलता, वैसे ही बिजली में भी जनता से लूट की नीति अपनाई जा रही है.
यादव ने कहा कि रेखा गुप्ता सरकार के आने के बाद से जनता लगातार परेशान है. झुग्गी-झोपड़ी वालों को बिना वैकल्पिक आवास दिए उखाड़ा गया, टूटी सड़कों की मरम्मत नहीं हुई, जर्जर नालों और सीवरों की सफाई तक नहीं हुई और यमुना को स्वच्छ करने का वादा भी अधूरा रह गया. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने चुनावी घोषणापत्र में किए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया है.