मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने कार्यकाल के दो साल पूरे होने पर दावा किया कि राज्य में नक्सलवाद अब अंत के कगार पर है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की निर्णायक कार्रवाई, विकास योजनाओं और पुनर्वास नीति के चलते माओवादी प्रभाव तेजी से कमजोर पड़ा है, जो राज्य की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा बदलाव है.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि बीते दो वर्षों में माओवादी चुनौती से निपटना सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक रहा है. इस दौरान सुरक्षा बलों ने 505 माओवादियों को मार गिराया, 2,386 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और 1,901 की गिरफ्तारी हुई है. प्रभावित इलाकों में 69 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों में प्रशासन की पकड़ मजबूत हुई है.
नियाडा नेल्ला नर योजना के माध्यम से माओवादियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रोत्साहित किया गया है. इसका असर यह रहा कि हिंसा के कारण बंद पड़े 50 स्कूल और कई अस्पताल फिर से शुरू हो सके. साथ ही 403 गांवों में सड़क, स्वास्थ्य केंद्र, मोबाइल टावर और राशन दुकानों जैसी बुनियादी सुविधाएं बहाल की गई हैं.

आवास, कृषि, सुरक्षा और महिला सशक्तीकरण पर किया काम- CM
आत्मसमर्पित माओवादियों के पुनर्वास के लिए सरकार ने तीन सालों तक 10,000 रुपए प्रतिमाह सहायता देने की योजना लागू की है, जिससे उन्हें सम्मानजनक जीवन की ओर लौटने का अवसर मिल रहा है. मुख्यमंत्री ने अपने दो साल पूरे होने की थीम “निरंतर सेवा, निरंतर विकास” बताते हुए कहा कि उनकी सरकार ने आवास, कृषि, सुरक्षा और महिला सशक्तीकरण के क्षेत्रों में ऐतिहासिक काम किया है. आईएएनएस के अनुसार, पहली कैबिनेट बैठक में 18 लाख मकानों को मंजूरी दी गई थी, जिनमें से बड़ी संख्या में घर बनकर तैयार हो चुके हैं. किसानों से किए वादे के अनुसार धान का समर्थन मूल्य 3,100 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया और भुगतान एक सप्ताह के भीतर पूरा किया गया.
सालों के लंबित बोनस किए ट्रांसफर
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने कार्यभार संभालते ही 9,700 करोड़ रुपए का लंबित बोनस 13 लाख किसानों को दिया और दो सालों से अटके बोनस का भी निपटारा किया. महिला सशक्तीकरण के तहत महातरी वंदन योजना की 22 किश्तों में 14,000 करोड़ रुपए सीधे महिलाओं के खातों में ट्रांसफर किए गए हैं. इसके अलावा चरन पदुका योजना को पुनः शुरू किया गया, 7.3 मिलियन गरीब परिवारों को मुफ्त राशन मिल रहा है और भूमिहीन किसानों को 10,000 रुपए की सहायता दी जा रही है.
औद्योगिक क्षेत्र में नई नीति के तहत 8 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें नवा रायपुर का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट शामिल है. रेलवे विकास में 47,500 करोड़ का निवेश हुआ है और इंद्रावती व महानदी नदियों को पाइपलाइन से जोड़ने की डीपीआर भी तैयार की जा रही है.
