धमतरी/ 06 जुलाई कलेक्टर अबिनाश मिश्रा की पहल पर धमतरी जिले में बांस की खेती को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ी पहल की जा रही है। पर्यावरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा बांस विकास प्राधिकरण की स्थापना के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।
धमतरी में 40 हेक्टेयर भूमि पर बांस की खेती प्रारंभ की जा रही है। इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र में 10 हजार पौधों की नर्सरी तैयार की जा रही है। यह प्रयास विशेष रूप से डुबान क्षेत्र, सीतानदी उदंती, गंगरेल, नगरी और सिंगपुर क्षेत्र में केंद्रित होगा।
इस योजना का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है कि विशेष पिछड़ी जनजाति ‘कमार समुदाय’ को यह पौधे निःशुल्क वितरित किए जाएंगे, ताकि वे बांस उत्पादों का निर्माण कर आत्मनिर्भर बन सकें। पहले से ही कई कमार परिवार पारंपरिक बांस शिल्प से जुड़े हुए हैं, और अब उन्हें बड़ा बाजार और स्थायी आय का साधन मिल सकता है।
बांस के बहुउपयोगी स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए कलेक्टर मिश्रा ने बताया कि “यह न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि इससे फर्नीचर, सजावटी वस्तुएं, घरेलू सामान और यहां तक कि टूथब्रश व ज्वेलरी भी तैयार की जा रही हैं।”
यह पहल पर्यावरण संरक्षण, ग्रामीण आजीविका और स्थानीय कारीगरों को प्रोत्साहन तीनों ही स्तर पर एक बड़ा कदम मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि धमतरी जल्द ही छत्तीसगढ़ में “ग्रीन बैंबू हब” के रूप में अपनी पहचान बना सकता है।