उत्तराखंड में खनन विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही अप्रैल से जून में अब तक की सबसे ज्यादा राजस्व कमाई की है. इस अवधि में राज्य को खनन से 331.14 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 22.47% अधिक है. यह लगातार तीसरा साल है जब खनन से आय में वृद्धि दर्ज की गई है.
पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े इस प्रकार हैं, जिनमें खनन से राजस्व की कमाई हुई है. इनमें लगातार प्रदेश में खनन विभाग ने राज्य को नई ऊंचाईयों तक पहुंचने का काम किया है. साल 2022-23 की पहली तिमाही 146.18 करोड़, 2023-24 की पहली तिमाही 177.27 करोड़, 2024-25 की पहली तिमाही 270.37 करोड़, 2025-26 की पहली तिमाही 331.14 करोड़.
राज्य सरकार के मुताबिक, इस साल की पहली तिमाही में ही सभी जिलों से कुल 1040.57 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. खनन से रही सरकार को लगातार बड़ा मुनाफा हो रहा है. इसके लिए सरकार और खनन विभाग ने लगातार अवैध खनन को रोकने के साथ खनन के नए पट्टे ओर नई नीतियों को अपनाया है जिसके चलते ये उपलब्धि हासिल हुई है.
खनन राजस्व में इस बढ़ोतरी के पीछे सरकार की कई अहम नीतियां और सुधार हैं जिससे लगातार खनन से राजस्व में इजाफा हुआ है. जैसे खनिज पट्टों के आवंटन की प्रक्रिया को पूरी तरह ई-नीलामी से जोड़ा गया है. इससे प्रक्रिया पारदर्शी बनी और अधिक कंपनियों की भागीदारी बढ़ी. जिलों में अवैध खनन, भंडारण और परिवहन को रोकने के लिए प्रशासनिक निगरानी को मजबूत किया गया है. लगातार निरीक्षण और कार्रवाई से अवैध गतिविधियों में देहरादून, हरिद्वार, अल्मोड़ा और नैनीताल जिलों में नए खनन पट्टों को ई-नीलामी के माध्यम से स्वीकृति दी गई. इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी खुले हैं.
राज्य सरकार का अवैध खनन पर सख्त रुख
राज्य सरकार ने अवैध खनन के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. उड़नदस्ते और निरीक्षण टीमें नियमित रूप से क्षेत्रों का दौरा कर रही हैं. नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माने और कानूनी कार्रवाई की जा रही है.खनन को तकनीकी रूप से और मजबूत बनाने के लिए सरकार ने Mining Digital Transformation and Surveillance System शुरू किया है. इसके तहत पूरे राज्य में 45 माइनिंग चेक पोस्ट स्थापित किए जा रहे हैं, जो डिजिटल निगरानी प्रणाली से लैस होंगे. इससे अवैध खनन पर तुरंत नजर रखी जा सकेगी और कार्रवाई संभव होगी. इसके लिए स्थानीय लोगों की भागीदारी और डिजिटल निगरानी को और मजबूत किया जाएगा.
बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था का उदहारण
उत्तराखंड सरकार की पारदर्शी नीतियों और तकनीकी सुधारों के चलते खनन से राज्य की आमदनी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. यह सिर्फ राजस्व बढ़ाने का जरिया नहीं, बल्कि बेहतर प्रशासनिक नियंत्रण और स्थायी विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है.