मेरठ के मोदीपुरम स्थित चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय कैंपस के पास नमो भारत का दूसरा डिपो तेजी से आकार ले रहा है. यहां दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर की जरूरतों को देखते हुए यह डिपो विकसित किया जा रहा है, जो निकट भविष्य में ट्रेनों के संचालन व रखरखाव का अहम केंद्र बनेगा. वर्तमान में दुहाई (गाजियाबाद) में स्थित डिपो से ही ट्रेनों का संचालन हो रहा है, लेकिन पूरे कॉरिडोर पर संचालन शुरू होने के बाद एक अतिरिक्त डिपो की आवश्यकता महसूस की जा रही थी.
मेट्रो स्टेशन का निर्माण भी अंतिम चरण में
डिपो में ट्रेन संचालन केंद्र (डीसीसी) की स्थापना की जा रही है, जहां से ट्रेनों की आवाजाही, नियंत्रण और प्रबंधन किया जाएगा. यहीं पर ट्रेन वर्कशॉप भी बनाई जा रही है, जहां नमो भारत और मेरठ मेट्रो की ट्रेनों का नियमित रखरखाव होगा. डिपो परिसर में स्टैबलिंग लाइनें भी बिछाई जा रही हैं, जहां कुल 34 ट्रेनें खड़ी की जा सकेंगी.
डिपो में 1.2 किलोमीटर लंबा टेस्ट ट्रैक तैयार किया जा रहा, जहां ट्रेनों की स्टैटिक और डायनामिक दोनों तरह की टेस्टिंग होगी. इसके अलावा 4 निरीक्षण बे-लाइन (IBL) और 4 वर्कशॉप लाइनें बनाई जाएंगी, जिनका उपयोग तकनीकी जांच व मरम्मत कार्यों के लिए किया जाएगा. IBL लाइनें ट्रेनों की जांच के लिए तो स्टैबलिंग लाइनें खड़ी करने के लिए और वर्कशॉप लाइनें मरम्मत कार्यों के लिए प्रयोग में लाई जाएंगी.
डिपो में ऑटोकोच वॉशिंग प्लांट भी लगाया जाएगा, जैसा कि फिलहाल दुहाई डिपो में है। इसके अलावा एक हैवी-क्लीनिंग शेड लाइन बनाई जा रही है, जहां नियमित अंतराल पर ट्रेनों की गहन सफाई की जाएगी. सफाई से संबंधित सभी मशीनरी व उपकरण पूरी तरह स्वदेश निर्मित होंगे, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम होगा.
स्थानीय लोगों को मिलेगी बड़ी सहूलियत
मेरठ मेट्रो का संचालन भी नमो भारत के बुनियादी ढांचे पर किया जाएगा, जो देश में अपनी तरह की पहली पहल है. मेरठ में कुल 13 मेट्रो स्टेशन बन रहे हैं, जिनमें से कुछ स्टेशन जैसे मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम ऐसे होंगे जहां यात्रियों को मेट्रो के साथ-साथ नमो भारत ट्रेन की सुविधा भी मिलेगी.
इस डिपो और मेट्रो स्टेशन के निर्माण से मोदीपुरम सहित पावली खास, दौराला, सकौती और पावरसा गांव के निवासियों को विशेष लाभ होगा. यहां से दिल्ली तक का सफर तेज, सुरक्षित और सुलभ हो जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों के विकास को भी नई गति मिलेगी.