आखिर कैसे फटते हैं बादल, ये कहां से लाते हैं इतना पानी?

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उत्तरकाशी के धराली गांव में मंगलवार दोपहर 1.45 बजे बादल फटने से भारी तबाही मची है. खूबसूरत उत्तराखंड जो कि अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, जहां पर घूमने वालों की भीड़ लगी रहती है, आज वहां पर तबाही का मंजर है. उत्तरकाशी का धराली गांव मलबे में दबा हुआ है और वहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. यहां पर बादल फटने से कई लोगों की मौत हो गई है और कई मकान व होटल तबाह हो गए हैं. चलिए जानते हैं कि आखिर बादल कैसे फटते हैं और ये इतना पानी कहां से लेकर आते हैं.

क्या होता है बादल फटना?

भारी बारिश की गतिविधि को बादल फटना कहा जाता है. लेकिन भारी बारिश की सभी घटनाएं बादल फटना नहीं कहलाता है. बादल फटने की एक अलग परिभाषा होती है. लगभग 10 किमी x 10 किमी क्षेत्र में एक घंटे में 10 सेमी. या फिर उससे ज्यादा बारिश होने को बादल फटने के रूप में देखा जाता है. इस परिभाषा के अनुसार उसी क्षेत्र में आधे घंटे के टाइम में 5 सेमी. की बारिश को बादल फटना कहा जा सकता है.

बादल फटने की घटना के दौरान किसी स्थान पर एक घंटे के अंदर सालाना बारिश का लगभग 10% हो जाता है. भारत में औसतन किसी भी स्थान पर एक साल में करीब 116 सेमी. बारिश होने की उम्मीद की जा सकती है.

 

 

कैसे फटते हैं बादल?

पहाड़ों में अक्सर बादल फटने की घटनाएं होती रहती हैं. जब जमीन की ओर से गर्म हवा बादलों की ओर उठती है और बारिश की बूंदों को ऊपर लेकर जाती है. इस वजह से बारिश ठीक ढंग से नहीं हो पाती है और बादलों में नमी भारी मात्रा में जमा हो जाती है. वहीं जब ऊपर जाने वाली हवा कमजोर हो जाती है, तब बादल में जमा सारा पानी तेजी से नीचे की तरफ गिरता है. यही घटना बादलों का फटना कहलाती है. हवा के ऊपर जाने से पानी को नीचे गिराने की ताकत मिलती है.

बादल कहां से लाते हैं इतना पानी?

बादल पानी की छोटी-छोटी बूंदों या फिर बर्फ के क्रिस्टल का एक समूह होता है. जब सूर्य की गर्मी से पानी वाष्पित होकर हवा में जाता है, तो ऊपर की ओर जाकर ठंडा होने लगता है. ठंडा होने पर भाप पानी की छोटी-छोटी बूंदों में बदल जाती हैं. ये बूंदें जब धूल के कणों के चारों इकट्ठा होती हैं और बादलों का रूप ले लेती हैं. छोटे बादलों में कुछ ग्राम से लेकर एक बड़े बादल में लाखों टन तक पानी हो सकता है.

जहां एक मध्यम आकार के बादल में कुछ टन से लेकर कुछ सौ टन तक पानी हो सकता है. वहीं एक बड़े बादल में हजारों टन से लेकर लाखों टन तक पानी हो सकता है. इसके अलावा एक भारी गरज के बादल में दो बिलियन पाउंड से ज्यादा तक पानी हो सकता है. बादलों का वजन बहुत ज्यादा होता है, लेकिन फिर भी यह आसमान में तैरता रहता है.

 

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