रायपुर/ गॉलब्लैडर स्टोन यानी पित्ताशय की पथरी एक आम लेकिन अक्सर अनदेखी की जाने वाली बीमारी है। नारायणा हेल्थ एमएमआई मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, रायपुर में कार्यरत कंसल्टेंट सर्जन डॉ. गौरव जोशी के अनुसार, यह समस्या कई बार बिना लक्षणों के भी हो सकती है, लेकिन जब यह सक्रिय हो, तो समय पर पहचान न होने से गंभीर जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।
डॉ. जोशी ने बताया कि पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द, खासकर तैलीय भोजन के बाद, मिचली, उल्टी, गैस, अपच, या हल्का खाने पर भारीपन – ये सब प्रारंभिक संकेत हो सकते हैं। यदि त्वचा और आंखों की सफेदी पीली पड़ने लगे, पेशाब का रंग गहरा हो और मल हल्का, तो यह संकेत है कि पित्त का प्रवाह बाधित हो रहा है।
उन्होंने बताया कि गॉलब्लैडर स्टोन के कारण कोलेसिस्टाइटिस, पैंक्रियाटाइटिस या बाइल डक्ट में संक्रमण जैसी आपातकालीन स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। समय पर अल्ट्रासाउंड जांच से इसकी पुष्टि की जा सकती है और आवश्यकता अनुसार मिनिमली इनवेसिव सर्जरी से इलाज संभव है।
डॉ. जोशी ने लोगों से अपील की है कि पेट दर्द और अपच को हल्के में न लें और समय रहते विशेषज्ञ से परामर्श लें।