जून के तीसरे संडे को फादर्स डे मनाया जाएगा. यह खास दिन पिता को समर्पित होता है और इसका इंतजार बच्चों को बेसब्री से रहता है. इस खास दिन को सेलिब्रेट करते हुए बच्चे अपने पिता के साथ संबंध मजबूत करते हैं और पिता के प्रति अपना प्यार व सम्मान जताते हैं. इस साल यह दिन 15 जून को मनाया जाएगा. लेकिन क्या आपको इसको मनाने के पीछे की वजह पता है और क्या आप यह जानते हैं कि फादर्स डे हर साल अलग-अलग तारीख पर क्यों आता है. आइये इसके बारे में विस्तार से बताएं.
कैसे हुई फादर्स डे की शुरुआत
भारत समेत दुनिया के कई देशों में फादर्स डे जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है. वहीं स्पेन और पुर्तगाल में अगस्त में इस खास दिन को सेलिब्रेट किया जाता है. थाईलैंड में फादर्स डे दिसंबर में मनाया जाता है. जानकारी के अनुसार 1910 में फादर्स डे मनाया गया था. दरअसल वॉशिंगटन की एक महिला सोनोरा स्मार्ट डॉड ने पहली बार फादर्स डे सेलिब्रेट किया था. सुनोरा अपने पिता की इकलौती बेटी थीं, उनकी मां नहीं थी. उनका एक छोटा भाई हुआ करता था और पिता ने ही मां और पिता दोनों जिम्मेदारियां संभाली थीं.
जून ही क्यों चुना
सुनोरा एक दिन चर्च गईं और वहां पर उन्होंने मदर्स डे को लेकर मां से संबंधित उपदेश सुने. इस दौरान उन्हें अपने पिता के लिए फादर्स डे सेलिब्रेट करने का ख्याल आया. सुनोरा के पिता का जन्म जून में हुआ था, इसलिए उन्होंने इस दिन को जून में मनाने का फैसला लिया था. सुनोरा ने इस दिन को जून में मनाए जाने के लिए याचिका दायर की लेकिन उनकी याचिका ठुकरा दी गई थी. लेकिन उनको अपने पिता से इतना लगाव था कि उन्होंने एक कैंपेन की शुरुआत की और 19 जून 1910 को पहली बार फादर्स डे मनाया गया.
हर बार क्यों बदलती है तारीख
सुनोरा को देखने के बाद लोगों को भी प्रेरणा मिली कि हां उनको भी पिता के लिए इस खास दिन को सेलिब्रेट करना चाहिए. तब साल 1916 में अमेरिका के राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने फादर्स डे मनाने के सुझाव को मान लिया. इसके बाद साल 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने इस दिन को जून के तीसरे रविवार को मनाए जाने की आधिकारिक घोषणा की. इसीलिए हर साल जून के तीसरे रविवार को तारीख बदल जाती है.