तहसीलदार पद पर प्रमोशन के एक पुराने मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने राजस्व परिषद के चेयरमैन अनिल कुमार और सचिव मनीषा त्रिघाटिया को नोटिस जारी किया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने अलख शुक्ल समेत कई लोगों की अवमानना याचिका पर दिया है. याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के पुराने आदेश का पालन नहीं किया गया, जिससे याचिकाकर्ताओं को न्याय नहीं मिल पा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, तहसीलदार पद के लिए भर्ती परीक्षा का विज्ञापन 2016 में जारी किया गया था. इस परीक्षा में अलख शुक्ल समेत कई लोगों ने सफलता हासिल की थी. लेकिन, प्रमोशन प्रक्रिया को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा था. याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद राजस्व परिषद ने उन्हें तहसीलदार पद पर प्रमोशन नहीं दिया. इस वजह से उन्होंने अदालत में अवमानना याचिका दायर की थी.
अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए चेयरमैन अनिल कुमार और सचिव मनीषा त्रिघाटिया को नोटिस जारी कर 6 हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा है. अदालत ने साफ कहा है कि अगर आदेश का पालन नहीं हुआ तो आगे कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.
बता दें कि तहसीलदार का पद राजस्व विभाग के सबसे महत्वपूर्ण पदों में से एक माना जाता है. तहसीलदार ही तहसील स्तर पर जमीन से जुड़े मामलों की देखरेख और राजस्व वसूली की जिम्मेदारी निभाते हैं. इस पद पर प्रमोशन को लेकर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से कई बार विवाद और शिकायतें सामने आती रही हैं. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वे इस परीक्षा में सफल होने के बावजूद अब तक अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस बीच हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि आदेश का पालन न करने पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी.
इस मामले में सरकार और प्रशासन के कामकाज पर भी सवाल उठ रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि जब अदालत ने पहले ही आदेश दे दिया था तो उसका पालन क्यों नहीं हुआ. अब हाईकोर्ट ने दो टूक आदेश देकर प्रशासन को झटका दिया है. इससे प्रदेश के अन्य विभागों को भी बड़ा संदेश गया है कि अदालत के आदेशों की अनदेखी नहीं की जा सकती. इस बीच याचिकाकर्ता भी उम्मीद कर रहे हैं कि अब उन्हें जल्द ही उनका हक मिलेगा.