महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे ने एक बार फिर कुंभ और गंगा नदी को लेकर बड़ा बयान दिया है. शिवाजी पार्क में रविवार (30 मार्च) को राज ठाकरे ने कहा कि कुंभ पर मैंने बयान दिया तो कुछ नए हिंदुत्ववादियों ने कहा कि मैंने कुंभ का अपमान किया. हम नदियों को माता और देवी कहते हैं, लेकिन हमारे देश में नदियों की स्थिति बेहद चिंताजनक है.
राज ठाकरे ने कहा, “जिसने पहले गंगा नदी की साफ-सफाई की मुहिम शुरू की वह राजीव गांधी थे और अब 2014 में मोदी ने कहा कि गंगा साफ करेंगे, लेकिन कई लोगों ने मुझसे बताया कि वो गंगा में स्नान करके बीमार हो गए. सवाल गंगा के अपमान और कुंभ के अपमान का नहीं है, सवाल गंगा की सफाई का है.”
धर्म के नाम पर नदियों को प्रदूषित कर रहे- राज ठाकरे
राज ठाकरे ने आगे कहा, अब तक 33 हजार करोड़ रुपये गंगा की सफाई पर खर्च हुए. आधे जले शवों को गंगा में बहाया जा रहा है. अगर हमारी प्राकृतिक संपत्ति की रक्षा के बीच में धर्म आ रहा होगा तो वह धर्म किस काम का है? वहां अलग व्यवस्था क्यों नहीं बनाई जाती? क्या हम धर्म के नाम पर नदियों को बर्बाद और प्रदूषित नहीं कर रहे हैं?”
उन्होंने कहा, “जब मैं यह सब देख रहा था तो मुझे समझ में नहीं आया. 65 करोड़ लोगों ने स्नान किया, इसका मतलब है कि आधे भारत ने स्नान किया. महाराष्ट्र की नदियों की स्थिति भी वैसे ही खराब है.”
ठाकरे ने पहले कही थी ये बात
बता दें इससे पहले भी राज ठाकरे नें भारत में नदियों की साफ-सफाई को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था, “हमारे देश की कोई भी नदी साफ नहीं है फिर भी हम इन नदियों को माता मानते हैं. विदेशों में नदियां साफ सुथरी होती हैं, लेकिन वहां नदियों को माता नहीं माना जाता. हमारे यहां तो लोग नदियों में नहाते हैं, कपड़े धोते हैं और जो चाहें करते हैं.”