भारत जैसे बड़े और तेजी से बढ़ते बाजार में टेस्ला को वह सफलता नहीं मिल पाई जिसकी उम्मीद की जा रही थी. दुनिया के कई देशों में धमाल मचाने वाली इस कंपनी ने भारत में अब तक सिर्फ लगभग 157 कारें ही बेची हैं, जो इतने विशाल देश के हिसाब से बहुत कम है. इसके मुकाबले वियतनाम की VinFast ने सितंबर से डिलीवरी शुरू करने के बाद सिर्फ नवंबर 2025 में ही 362 कारें बेच दीं, जबकि BYD हर महीने 500 से ज्यादा इलेक्ट्रिक कारें बेच रही है. ये साफ दिखाता है कि भारत में टेस्ला के सामने बड़ी चुनौती खड़ी है.
नवंबर में केवल 48 कारों की डिलीवरी
- सरकारी पोर्टल VAHAN के आंकड़े बताते हैं कि नवंबर में टेस्ला ने सिर्फ 48 कारें ही डिलीवर कीं. यह संख्या BMW और Mercedes-Benz जैसे लग्जरी ब्रांड्स से काफी कम है. सिर्फ एक महीने में BMW ने 267 इलेक्ट्रिक कारें बेच दीं. भारत में टेस्ला की शुरुआत Model Y से हुई थी, लेकिन अब तक यह कार प्रीमियम सेगमेंट में भी अपनी पकड़ मजबूत नहीं कर पाई है.
ईवी बिक्री में 10वें नंबर पर टेस्ला
- भारत के इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में फिलहाल टाटा मोटर्स सबसे आगे है. कंपनी ने नवंबर में 7,315 इलेक्ट्रिक कारें बेचीं. MG, Mahindra, Hyundai, Kia और BYD जैसी कंपनियां भी मजबूत बिक्री कर रही हैं. कुल मिलाकर टेस्ला इस सूची में फिलहाल 10वें स्थान पर है, हालांकि पिछले महीने की तुलना में थोड़ी बढ़ोतरी जरूर हुई है.

कम बिक्री के पीछे बड़ी वजह
टेस्ला की धीमी बिक्री का मुख्य कारण इसकी महंगी कीमतें हैं. भारत में Imported कारों पर भारी Tax लगता है, जिसके कारण Model Y जैसी कारें बहुत महंगी हो जाती हैं. इसके साथ ही देश में टेस्ला का कोई लोकल प्रोडक्शन प्लांट नहीं है, जबकि बाजार में पहले से कई सस्ती और किफायती इलेक्ट्रिक कारें मौजूद हैं. चार्जिंग नेटवर्क भी सही से डेवलप नहीं है, जो खरीदारों को खरीदने से रोकता है.
गुरुग्राम में खुला पहला ऑल-इन-वन सेंटर
- टेस्ला ने अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए गुरुग्राम में अपना पहला ऑल-इन-वन सेंटर खोला है, जहां शोरूम, डिलीवरी, सर्विस और चार्जिंग की सुविधा एक ही जगह मिलती है. कंपनी का टारगेट कि चार्जिंग स्टेशन लोगों की रोजमर्रा की जगहों के आसपास बनाए जाएं, ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग आसान हो सके.
आगे क्या है टेस्ला की योजना?
- टेस्ला भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सुपरचार्जर नेटवर्क तैयार करने और अपने डायरेक्ट सेल्स मॉडल को आगे बढ़ाने पर काम कर रही है. उम्मीद है कि आने वाले समय में, चार्जिंग सुविधाओं के बढ़ने और कंपनी की पकड़ मजबूत होने के साथ, इसकी बिक्री में सुधार देखने को मिल सकता है.
