हिमाचल प्रदेश में मॉनसून फिर रौद्र रूप में है. राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई, जिससे जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया. शिमला, सोलन, मंडी, चंबा, कांगड़ा और बिलासपुर जिलों में जोरदार बारिश हुई. इस बीच बीते 24 घंटों में सोलन के कसौली में सर्वाधिक 150 मिमी बारिश दर्ज की गई.
धर्मपुर और मंडी के गोहर में 120 मिमी, चंबा के चुआड़ी में 100 मिमी, नगरोटा सूरियां और नैना देवी में 90 मिमी, सुंदरनगर में 80 मिमी और गग्गल एयरपोर्ट समेत कई जगहों पर 60 से 70 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई.
कांगड़ा में पौंग डैम का जलस्तर 1372.03 फीट पहुंच गया, जिससे शाम को 23300 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. फिलहाल मौसम विभाग ने 12 अगस्त तक राज्य के विभिन्न जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है.
7 अगस्त को सोलन और सिरमौर, 8 को कांगड़ा, शिमला, सोलन और सिरमौर तथा 9 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा और मंडी में भारी बारिश का अलर्ट है.
इस भारी बारिश से प्रदेश भर में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे चार नेशनल हाईवे और 533 सड़कें बंद हो गई हैं. साथ ही 635 बिजली ट्रांसफार्मर और 266 पेयजल योजनाएं भी ठप पड़ी हैं.
मंडी में एनएच-3 और एनएच-21, कुल्लू में एनएच-305 और किन्नौर में एनएच-5 अवरुद्ध हैं. अकेले मंडी में 314 सड़कें बंद हैं, कुल्लू में 117, शिमला में 26 और कांगड़ा में 23 सड़कें प्रभावित हुई हैं.
मोचका नाला में फ्लैश फ्लड से पुराना पुल ढहा
बिजली और पानी आपूर्ति पर भी असर पड़ा है, सोलन में 304, मंडी में 285 और शिमला में 41 ट्रांसफार्मर बंद हुए हैं, जबकि पेयजल योजनाओं में मंडी की 88, कांगड़ा की 120 और हमीरपुर की 27 योजनाएं प्रभावित हैं.
कुल्लू जिले में लगातार बारिश से ग्रामीण इलाकों में जनजीवन प्रभावित हुआ है. जिला के बागीपुल के कुटली गांव में बाढ़ से कई घरों व वाहनों को नुकसान पहुंचा है. निरमंड उपमंडल के मोचका नाला में फ्लैश फ्लड से पुराना पुल ढह गया.
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की भूस्खलन निगरानी रिपोर्ट के अनुसार मंडी, कांगड़ा, शिमला और सोलन जिलों की 21 संवेदनशील जगहों पर भूस्खलन की स्थिति पर नजर रखी जा रही है, जहां अधिकतर स्थानों पर मध्यम खतरे का पूर्वानुमान है.
मंडी के पराशर, कोटरोपी, संधोल, तत्तापानी और ग्रिफिन पीक समेत 15 जगहों पर निगरानी जारी है, जबकि कांगड़ा के धर्मशाला और कॉलोनी कांगड़ा, शिमला के जतोग और सोलन के डगशाई में भी सक्रिय निगरानी चल रही है. लगातार बारिश के बीच इन क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत बताई गई है.
आपदा में 1905 करोड़ का नुकसान
इस बार प्रदेश में 20 जून से मॉनसून की शुरुआत के बाद से अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 199 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 36 लोग लापता हैं और 304 घायल हुए हैं. सबसे अधिक 42 मौतें मंडी में हुई हैं.
इस दौरान 1786 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 367 पूरी तरह ध्वस्त हुए हैं. 298 दुकानें और 1690 गौशालाएं भी गिर चुकी हैं. अकेले मंडी में 1118 घर और 267 दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं.
इस आपदा के कारण प्रदेश में अब तक 1905 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 1009 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 648 करोड़ का नुकसान हुआ है. मॉनसून सीजन में अब तक 58 फ्लैश फ्लड, 28 बादल फटने और 51 भूस्खलन की घटनाएं हो चुकी हैं.