मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) की जीरो टॉलरेंस नीति और परिणाम आधारित कार्यशैली का असर अब स्पष्ट रूप से दिखने लगा है. राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने आज शनिवार को (10 मई) महासमुंद जिले में पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी का तबादला (Transfer) करते हुए यह संकेत दिया है कि शिक्षा व्यवस्था में किसी भी तरह की कोई लापरवाही, निष्क्रियता और खराब प्रदर्शन अब किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं किया जाएगा.
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, महासमुंद जिले के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य एम.आर. सावंत को उनके पद से हटाकर कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक, शिक्षा विभाग, जगदलपुर में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ किया गया है. उनके स्थान पर नवागढ़ (जांजगीर-चांपा) के विकासखंड शिक्षा अधिकारी पद पर कार्यरत प्राचार्य विजय कुमार लहरे को महासमुंद का प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी नियुक्त किया गया है. वहीं, भूपेंद्र कुमार कौशिक को जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ विकासखंड का नया विकासखंड शिक्षा अधिकारी बनाया गया है.
बोर्ड परीक्षा परिणामों पर CM विष्णु देव साय ने जताई थी नाराजगी
यह निर्णय उस समीक्षा बैठक के बाद सामने आया है, जिसमें मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महासमुंद जिले की बोर्ड परीक्षाओं में खराब परिणामों को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की थी. सुशासन तिहार (Sushansan Tihar) के तीसरे चरण में महासमुंद में आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट रूप से कहा था कि शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए आवश्यक सुधार के निर्देश दिए थे.
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा की गई यह कार्रवाई इस बात को दर्शाती है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार परिणाम आधारित कार्यशैली में विश्वास रखती है और प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए हर आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है.