दिल्ली पुलिस की साउथ डिस्ट्रिक्ट टीम ने सीबीएसई की सुपरिंटेंडेंट और जूनियर असिस्टेंट भर्ती परीक्षा घोटाले का पर्दाफाश कर सबको चौंका दिया. पुलिस की टीम ने इस मामले में 4 ठगों को गिरफ्तार किया. शातिर ठग सरकारी नौकरी के सपने देखने वालों को चूना लगाने का काम कर आए हैं.
दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े शातिर चोर फर्जी उम्मीदवारों को एग्जाम में बैठाते थे. ताजा मामला सीबीएसई की सुपरिंटेंडेंट और जूनियर असिस्टेंट भर्ती परीक्षा से संबंधित है.
पुलिस ने कब्जे में लिए कई दस्तावेज
दिल्ली पुलिस ने न सिर्फ ठगों को पकड़ा बल्कि उनके पास से 4 ब्लूटूथ डिवाइस, 4 मोबाइल, 2 लैपटॉप, एक कार, ओएमआर शीट, एडमिट कार्ड और अटेंडेंस शीट भी बरामद की.
पुलिस ठगों को ऐसे किया गिरफ्तार
साउथ डिस्ट्रिक के डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि 20 अप्रैल 2025 को सीआर पार्क थाने की टीम GK-II के एक स्कूल में चल रही परीक्षा की निगरानी कर रही थी. तभी सेंटर सुपरिंटेंडेंट ने बताया कि एक उम्मीदवार की जगह कोई और एग्जाम दे रहा है. जांच में पता चला कि नितिन नाम के शख्स ने सचिन को अपने बदले परीक्षा देने के लिए भेजा था.
दिल्ली पुलिस ने चालाकी से सचिन को बाहर बुलाया और पास ही मौजूद नितिन को भी धर दबोचा. पूछताछ में दोनों ने अपने दो साथियों, श्याम सुंदर और बलजिंदर, का नाम उगला, जिन्हें बाद में ग्रेटर कैलाश से गिरफ्तार किया गया.
15 लाख में तय हुआ था सौदा
ग्रेटर कैलाश थाना के SHO ने इन आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4)/319(2) के तहत एफआईआर दर्ज कर पूछताछ की तो आरोपियों ने बताया कि नितिन ने श्याम सुंदर के साथ 15 लाख रुपये में डील की थी. ताकि उसकी नौकरी पक्की हो जाए. श्याम ने ये डील बलजिंदर को दी, जिसने सचिन को 12 लाख में फर्जी उम्मीदवार बनाकर एग्जाम में बैठाया. ये पूरा गिरोह सालों से ऐसे धोखाधड़ी के खेल में लगा था. सचिन तो कई एग्जाम में दूसरों की जगह पेपर दे चुका है. राजस्थान में भी एक केस में वांछित है.
चारों शातिर कौन, कब से चला रहे थे ये गोरखधंधा?
दिल्ली पुलिस गिरफ्त में आए चारों आरोपी की पहचान हरियाणा निवासी 26 वर्षीय और ग्रैजुएट सचिन, 28 साल का नितिन और 27 साल के बलजिंदर के रूप् में हुई है. सचिन फर्जी उम्मीदवार बनाकर एग्जाम देने का मास्टर है. नितिन बीटेक पास है और इसने ईमानदारी छोड़ नौकरी के लिए ठगी का रास्ता चुना. तीसरा आरोपी बलजिंदरमिडिलमैन का कार्य करता था. हरियाणा में ग्रुप D की नौकरी करते हुए इस घोटाले का हिस्सा बना. अब चौथे शख्स की पहचान 29 वर्षीय श्याम सुंदर जो मुख्य साजिशकर्ता है. यही युवाओं से पैसों की डील फिक्स करता था.