लद्दाख में अपनी राजनीतिक और संवैधानिक मांगों को लेकर कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है. कारगिल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केडीए नेताओं ने 9 से 11 अगस्त तक तीन दिवसीय भूख हड़ताल का ऐलान किया है. उनका कहना है कि केंद्र सरकार लद्दाख के लोगों की उम्मीदों पर लगातार खरा नहीं उतर रही है.
राज्य का दर्जा और 6वीं अनुसूची की मांग दोहराई
केडीए ने अपनी चार अहम मांगों को दोहराया, लद्दाख को राज्य का दर्जा दिया जाए, इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए, एक अलग संसदीय सीट बहाल की जाए और सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता लाने के लिए एक क्षेत्रीय लोक सेवा आयोग बनाया जाए. इन मांगों को लेकर केडीए लंबे समय से आवाज उठा रहा है, लेकिन अब तक केंद्र की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में केडीए नेताओं ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि कई बार गृह मंत्रालय और लद्दाख के नेताओं के बीच बैठकें हुईं, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला.
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार ने अब भी इन मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो हालात बिगड़ सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘अगर जनता की भावनाएं भड़क गईं, तो इसके लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे.’
लद्दाख की जनता के साथ न्याय की मांग
केडीए का कहना है कि यह भूख हड़ताल केवल एक विरोध नहीं, बल्कि लद्दाख के लोगों की आवाज़ को पूरे देश तक पहुंचाने की कोशिश है. नेताओं ने कहा कि लद्दाख की जनता लोकतंत्र में विश्वास रखती है, लेकिन अगर उनके साथ बार-बार अनदेखी होगी, तो असंतोष बढ़ेगा.
केडीए ने केंद्र सरकार से अपील की है कि बहुत देर होने से पहले वह लद्दाख के मुद्दों को गंभीरता से ले और जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए.