देशभर के स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली NCERT की नई किताबों को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है. इस बार मामला इतिहास से जुड़ा है और आपत्ति जताई गई है 8वीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की किताब में छपे एक मानचित्र पर. इस किताब में जैसलमेर को मराठा साम्राज्य का हिस्सा बताया गया है, जिसे लेकर जैसलमेर रियासत के राजा चैतन्य राज सिंह ने कड़ी नाराजगी जताई है.
उन्होंने इस “गलती” को सिर्फ एक ऐतिहासिक भ्रम नहीं, बल्कि हमारे पूर्वजों की विरासत और गौरवशाली इतिहास के साथ अन्याय बताया है. सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखते हुए उन्होंने शिक्षा मंत्रालय और NCERT से इस गलती को तुरंत ठीक करने की मांग की है.
क्या है पूरा मामला?
चैतन्य राज सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पोस्ट किया कि पर 8वीं कक्षा की NCERT की सामाजिक विज्ञान की पुस्तक का एक नक्शा साझा किया है. इस नक्शे में मराठा साम्राज्य के विस्तार को दिखाया गया है, जिसमें जैसलमेर को भी साम्राज्य का हिस्सा बताया गया है. इसी को लेकर उन्होंने गंभीर आपत्ति जताई है.
उन्होंने लिखा है पेज संख्या 71 पर मौजूद मानचित्र में जैसलमेर को मराठा साम्राज्य के अधीन बताया गया है. यह न सिर्फ ऐतिहासिक रूप से भ्रामक और गलत है, बल्कि बेहद आपत्तिजनक भी है. इस तरह की तथ्यहीन जानकारी हमारे इतिहास और जनभावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है.
क्या जैसलमेर मराठा साम्राज्य का हिस्सा था?
चैतन्य राज सिंह का दावा है कि जैसलमेर रियासत कभी भी मराठा साम्राज्य का हिस्सा नहीं रही. उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐतिहासिक दस्तावेज, अभिलेख और लोककथाएं हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि मराठाओं ने जैसलमेर में कभी कोई हस्तक्षेप नहीं किया.
इतिहासकारों के अनुसार जैसलमेर एक स्वतंत्र राजपूत रियासत रही है और उसने कई युद्धों में अपनी सीमाओं की रक्षा की थी. मराठा साम्राज्य का प्रभाव मुख्य रूप से महाराष्ट्र, मध्य भारत और दक्षिण भारत में देखा गया जबकि जैसलमेर पश्चिमी राजस्थान में स्थित था और वहां का प्रशासन अलग ही चलता था.
शिक्षा मंत्री से की सीधी अपील
चैतन्य राज सिंह ने इस मुद्दे को हल्के में न लेने की सलाह दी है. उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मांग की है कि NCERT किताबों में मौजूद इस ऐतिहासिक गलती को तुरंत ठीक किया जाए. उन्होंने लिखा यह केवल एक नक्शे की बात नहीं है, यह हमारी ऐतिहासिक सच्चाई, आत्मसम्मान और नई पीढ़ी को सही जानकारी देने का विषय है. जब देश के छात्र इन किताबों से पढ़ते हैं, तो ऐसी गलत जानकारी उनके दिमाग में गलत छवि बना सकती है.
कौन हैं चैतन्य राज सिंह?
चैतन्य राज सिंह, जैसलमेर रियासत के 44वें महारावल हैं. वे एक शाही विरासत से आते हैं लेकिन उनका झुकाव आधुनिक शिक्षा और राजनीति की ओर भी है. उन्होंने नई दिल्ली के संस्कृत स्कूल से पढ़ाई की है और फिर लंदन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज (SOAS) से राजनीति विज्ञान में डिग्री हासिल की है.
NCERT पर फिर उठे सवाल
यह पहला मौका नहीं है जब NCERT की किताबों में तथ्यात्मक गलतियों को लेकर सवाल खड़े हुए हों. पहले भी कई बार किताबों में इतिहास से जुड़े विषयों पर विवाद हो चुका है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब करोड़ों छात्र इन्हीं किताबों से शिक्षा पाते हैं, तो उनकी विश्वसनीयता सबसे जरूरी हो जाती है.