नारायणपुर जिले के घने जंगलों में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ खत्म होने के बाद सभी जवान मुख्यालय लौट गए हैं. मुठभेड़ में अब तक कुल 6 माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं, जिनमें तीन महिला माओवादी भी शामिल हैं.
वहीं मुठभेड़ स्थल से AK-47, SLR राइफल, BGL लांचर सहित विस्फोटक सामग्री और माओवादी गतिविधियों में उपयोग आने वाली कई सामान बरामद हुई हैं.
इस कार्रवाई को अबूझमाड़ जैसे संवेदनशील क्षेत्र में माओवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता माना जा रहा है. बस्तर आईजी के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों को अबूझमाड़ क्षेत्र में माओवादियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना मिली थी.
इसके बाद सुरक्षाबलों की एसटीएफ, डीआरजी और बीएसएफ जवानों की संयुक्त टीमों ने इलाके में सर्चिंग ऑपरेशन शुरू किया. शुक्रवार को दिन भर रुक-रुक कर फायरिंग चलती रही और सुरक्षाबलों ने इलाके को चारों ओर से घेरते हुए माओवादियों पर शिकंजा कस दिया.
सभी पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित
मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों के शवों को शनिवार को जिला मुख्यालय नारायणपुर लाया गया है. नारायणपुर पुलिस लाइन में PLGA कंपनी नम्बर एक के डिवीसीएम कमांडर राहुल पुनेम के शव सहित कुल 6 माओवादियों के शव को लाया गया, इनमें तीन महिला माओवादी भी शामिल हैं.
मारे गए सभी माओवादियों के शव की शिनाख्ती कर ली है. इनमें डिवीसीएम कमांडर राहुल पुनेम समेत PLGA कंपनी नम्बर एक के उंगा ताती, मनीषा, हरीश उर्फ कोसा, बुधरी कडाम,ताती मीना शामिल हैं. ये सभी PLGA कम्पनी नम्बर एक के प्लाटून सदस्य थे, सभी पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था.
ऑपरेशन मानसून में मिल रही सफलता
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि सुरक्षा को मौके से भारी संख्या में हथियार, बारूद, माओवादी साहित्य, और दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी मिली हैं, जो इनके लंबे समय से जंगल में डेरा जमाए होने की पुष्टि करते हैं. इस पूरे ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन मानसून’ के तहत अंजाम दिया गया है. बस्तर आईजी ने कहा कि बारिश के मौसम में भी ऑपरेशन की गति धीमी नहीं पड़ेगी, बल्कि और तेज़ की जाएगी.