धमतरी। अगर शिक्षा तक पहुंच नहीं, तो सपने अधूरे रह जाते है। इसी सोच को साकार कर रहे हैं ग्राम बोड़रा के युवा सुनील नागवंशी, जिन्होंने अपने प्रयासों से शिक्षा के क्षेत्र में एक अनुकरणीय पहल की शुरुआत की है। उन्होंने निःशुल्क पुस्तक बैंक की स्थापना कर अब तक 11वीं और 12वीं के 50 से अधिक विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराई हैं।
ग्रामीण अंचल के ऐसे कई छात्र-छात्राएं हैं जो आर्थिक तंगी के कारण किताबें नहीं खरीद पाते। सुनील नागवंशी ने इन विद्यार्थियों की जरूरत को समझते हुए स्वयं के स्तर पर पुराने और उपयोगी किताबों को संग्रहित कर, एक निःशुल्क पुस्तक बैंक की नींव रखी। आज यह प्रयास कई परिवारों के लिए शिक्षा की नई आशा बन चुका है। उनका कहना है कि मेरा उद्देश्य केवल किताबें देना नहीं, बल्कि हर बच्चे के सपनों को उड़ान देना है। अगर एक किताब भी किसी का भविष्य संवार सकती है, तो वह सबसे बड़ी सेवा है। उनकी इस पहल की ग्रामीण क्षेत्र में सराहना हो रही है। शिक्षकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों ने इसे एक सकारात्मक सामाजिक शिक्षा क्रांति पहल करार दिया है। कई युवाओं ने भी इस पहल से प्रेरित होकर पुस्तक दान की इच्छा जताई है।