धमतरी/ 29 अप्रैल कार्यदिवस के दूसरे पहर में आज कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की। उन्होंने बैठक में कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य कार्य केन्द्र आंगनबाड़ी हैं। आंगनबाड़ी ठीक तरह से समय पर संचालित होगी तो अन्य सभी गतिविधियां भी स्वतः ही ठीक हो जाएंगी। कलेक्टर ने बैठक में सभी परियोजना अधिकारियों और सेक्टर सुपरवाईजरों को अपने-अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी केन्द्रों का सतत् निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों की शत्-प्रतिशत उपस्थिति भी सुनिश्चित करने को कहा। कलेक्टर ने बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्म पोषण आहार और भोजन नियमिति रूप से कराने के निर्देश भी दिए। समीक्षा के दौरान मिश्रा ने दस प्रतिशत से अधिक कुपोषण की स्थिति वाले लगभग 18 सेक्टरों की सुपरवाईजरों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने देमार सेक्टर की आंगनबाड़ियों में बच्चों की कम उपस्थिति पर भी नाराजगी जताई और देमार की पर्यवक्षक को भी कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिए। कलेक्टर ने सांकरा सेक्टर की पर्यवेक्षक की बिना अनुमति और बिना सूचना के एक माह से लगातार कार्य से अनुपस्थिति पर भी अधिकारियों के प्रति नाराजगी व्यक्त की और पर्यवेक्षक का एक माह का वेतन काटने तथा सेवा पुस्तिका में एंट्री करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में कलेक्टर ने 20 से अधिक बिन्दुओं पर विभाग के कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने पानी की सुविधा वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका लगाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विभागीय योजनाओं से संबंधित पोर्टल पर प्रतिदिन एंट्री करने के तकनीकी पहुलुओं की भी पूरी जानकारी देने के निर्देश परियोजना अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने कहा कि बिना जानकारी के पोर्टल पर एप्प के माध्यम से एंट्री करने में गल्ती की संभावना बढ़ जाती है। सभी कार्यकर्ताओं को योजना से संबंधित डेटा एंट्री के बारे में दक्ष किया जाए, ताकि समय पर सही जानकारियां पोर्टल पर प्रदर्शित हो सकें। मिश्रा ने सभी अधिकारियों को कुपोषित बच्चों को सुपोषित स्तर में लाने के लिए समन्वय के साथ अभियान के रूप में काम करने को कहा। उन्होंने मध्यम और गंभीर कुपोषित बच्चों की सूची तैयार कर उनके घर-घर जाकर पालकों की काउंसिलिंग करने, बच्चों का डाईट प्लान बताने से लेकर अन्य सभी जानकारियां देने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने यह भी कहा कि ऐसे बच्चों के घरों में डाईट प्लान के साथ समय आदि का उल्लेख करते हुए छोटे-छोटे पोस्टर भी चिपकाएं जाएं, ताकि पालकों को बच्चों के भोजन और उसके समय के बारे में सदैव ध्यान रहे।
पोषण पुनर्वास केन्द्र खाली न रहें :
मिश्रा ने गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने पुनर्वास केन्द्रों में बच्चों को भर्ती कराने के लिए प्रतीक्षा सूची की तरह ही व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सेक्टरवार ऐसी सूची तैयार करने को कहा, ताकि पोषण पुनर्वास केन्द्र से पहले से भर्ती बच्चे के ठीक होकर डिस्चार्ज हो जाने पर दूसरे बच्चे को तत्काल भर्ती किया जा सके। कलेक्टर ने अधिकारियों को सख्त निर्देशित किया कि सभी पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कोई भी बेड खाली न रहे। सभी केन्द्रों में कुपोषित बच्चों का लगातार इलाज होता रहे। उन्होंने पोषण पुनर्वास केन्द्रों में डॉक्टरों द्वारा बच्चां की लगातार जांच कराने, डाईट चार्ट बनाकर भोजन के साथ पूरक पोषक आहार आदि उपलब्ध कराने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
टेक होम राशन के सभी हितग्राहियों का सत्यापन करने फेस कैप्चर में लाएं तेजी
बैठक में कलेक्टर ने गर्भवती महिलाओं एवं शिशुवती माताओं को टेक होम राशन अभियान के तहत निर्धारित मात्रा में सामग्री वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस योजना से लाभान्वित होने वाली महिलाओं का शत्-प्रतिशत सत्यापन सुनिश्चित करने को भी कहा। कलेक्टर ने टेक होम राशन अभियान के तहत लाभ ले रही गर्भवती महिलाओं और शिशुवती माताओं के सत्यापन में प्रगति लाने और हर महीने राशन वितरण करते समय उनके फेस कैप्चर कर सत्यापन करने के भी सख्त निर्देश दिए। उन्होंने राशन वितरण के समय एप्प पर स्किप ऑप्शन का उपयोग नहीं करने को कहा। कलेक्टर ने यह भी चेताया कि राशन वितरण के समय एप्प पर फेस कैप्चर ऑप्शन को स्किप करने वाले सेक्टरों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ सेक्टर सुपरवाईजरों पर भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी हितग्राहियों का अगले एक महीने में ई-केवायसी भी सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।