“मार्क्स की नहीं, सीखने की फिक्र करो बेटा” पिता की यही एक सीख राजन काबरा की जिंदगी बदल गई. इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने सीए फाइनल 2025 के नतीजे घोषित कर दिए हैं और इस बार पूरे देश की नजरें उस युवा पर हैं, जिसने पहले ही प्रयास में 600 में से 516 अंक लाकर टॉप किया- राजन काबरा.
महज 22 साल की उम्र में जब बहुत से छात्र पहली बार परीक्षा की तैयारी कर रहे होते हैं, तब राजन न सिर्फ फाइनल पास करते हैं बल्कि देशभर में पहला स्थान भी हासिल करते हैं. लेकिन ये सफर आसान नहीं था.
किताबों से ज्यादा पिता की बातें काम आईं
राजन के पिता खुद एक सीए हैं. जब भी वह थकते, हार मानने का मन करता, तो पापा कहते – “रैंक नहीं, अपनी मेहनत का सम्मान कर”. मां घर पर हर छोटी-बड़ी बात का ध्यान रखतीं ताकि बेटा सिर्फ पढ़ाई पर फोकस कर सके. बहन डॉक्टर है, और वह हमेशा उसका हौसला बढ़ाती रही.