मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने साल 2023 के एक रेप केस में अहम फैसला सुनाया है. इस फैसले में कहा गया कि महिला रेप नहीं कर सकती, लेकिन वह रेप के लिए उकसाने की दोषी हो सकती है. इस फैसले के तहत आरोपी महिला के खिलाफ धारा 376 r/w 34, 109 और 506-11 के तहत मामला दर्ज किया गया है. अदालत ने इस मामले में आरोपी की मां और भाई को भी समान रूप से दोषी माना है.
क्या है पूरा मामला?
यह मामला तब सामने आया, जब आरोपियों ने भोपाल सेशन कोर्ट (Bhopal Session Court) द्वारा 22 अगस्त 2023 को दिए गए आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी. भोपाल की निचली अदालत ने मुख्य आरोपी को दोषी मानते हुए उसकी मां और भाई को भी सह अभियुक्त बनाया था.
पीड़िता का आरोप
पीड़िता ने 21 अगस्त 2022 को भोपाल के छोला मंदिर थाने में रेप की शिकायत दर्ज करवाई थी. उसने आरोप लगाया था कि आरोपी अभिषेक गुप्ता ने शादी का झांसा देकर उसके साथ रेप किया. इतना ही नहीं, आरोपी की मां और भाई भी इस घटना में शामिल थे.
पीड़िता के अनुसार, 8 जुलाई 2021 को पहली बार उसे आरोपी के घर बुलाया गया, जहां उसके साथ रेप किया गया. सगाई के बाद भी आरोपी ने कई बार शारीरिक संबंध बनाए और फिर शादी से मुकर गया. पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी की मां ने उसे समझाया था कि शादी से पहले संबंध बनाना आम बात है.
MP हाईकोर्ट का रुख
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि रेप के लिए उकसाने वाले भी उतने ही दोषी हैं, जितना कि मुख्य आरोपी. इस आधार पर आरोपी की मां और भाई पर भी कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया और साफ किया कि रेप के मामलों में उकसाने वालों के खिलाफ भी कठोर दंड दिया जाएगा.