दुनियाभर में लोगों की आबादी तेजी के साथ बढ़ रही है, खासकर इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों की आबादी तो काफी तेजी के साथ बढ़ रही है. यह खुलासा प्यू रिसर्च सेंटर की एक रिपोर्ट से हुआ है, जिसमें बताया गया है कि मुस्लिमों की आबादी में 34.7 करोड़ की बढोतरी हुई है जिससे इनकी आबादी अब 194.6 करोड़ पहुंच गई है. अगर इसको दुनिया में कुल आबादी के शेयर के हिसाब से देखें तो मुस्लिम आबादी में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ अब यह आंकड़ा 25.6 प्रतिशत पहुंच गया है. चलिए, आपको उस धर्म के बारे में बताते हैं जिसका दुनिया के 120 देशों के ऊपर राज चलता है और यह भी बताते हैं कि यह दबदबा कब तक बना रहेगा.
किस धर्म की आबादी 120 देशों में
अगर 120 देशों वाली आबादी को देखा जाए तो यह ईसाई धर्म है. प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, साल 2020 तक ईसाई धर्म की आबादी 120 देशों में सबसे ज्यादा थी. साल 2010 से लेकर 2020 तक इस धर्म की आबादी बढ़ी है जिससे अब यह 2.18 बिलियन से बढ़कर 2.30 बिलियन हो गई है. हालांकि, खतरे की बात यह है कि एक तरह आबादी बढ़ने के बावजूद दुनिया की कुल आबादी में इनकी हिस्सेदारी घटकर 28.8 प्रतिशत हो गई है जो पहले 30.6 प्रतिशत के आसपास थी, यानी कि कुल 1.8 प्रतिशत की कमी आई है. ऐसे में इनकी आबादी तक तक इन देशों में बहुसंख्यक में रहेगी इसपर संदेह उठने लगा है.
कब तक रहेगा दबदबा
एक समय था जब पूरी दुनिया में ईसाई धर्म का बोलबाला था यूरोपीय उपनिवेशों के माध्यम से ईसाई धर्म तेजी से फैला, लेकिन अब इसमें गिरावट आ रही है. दरअसल इस्लाम धर्म दुनिया में तेजी के साथ फैल रहा है, पश्चिमी देशों में खासकर इंग्लैंड में मुस्लिम आबादी काफी तेजी के साथ बढ़ रही है. इसके अलावा अब यूरोप के कई देशों में अब लोग चर्च जाना कम कर रहे हैं. अमेरिका जैसे बड़े देश में बड़ी संख्या में युवा आबादी खुद को किसी भी धर्म से अलग कर रही है नई पीढ़ी अब अधिक तार्किक और वैज्ञानिक सोच की ओर झुकाव रखती है. पहले जिस तरह से मिशनरियों के माध्यम से धर्मांतरण होता था, अब उस पर कई देशों ने कानूनी प्रतिबंध लगा दिए हैं ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्दी ही इनके हाथ से कई देशों से दबदबा कम होगा. हालांकि, ऐसा होने में काफी समय लगेगा यह आसानी से नहीं होने वाला. हालांकि, साल 2050 तक इस्लाम धर्म, ईसाई धर्म के बराबर होगा ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है.