ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का एक्स-4 मिशन पहले 8 जून फिर 10 जून और 11 जून को टाला जा चुका है. आज भी इनकी लॉन्चिंग टल गई है और अगली तारीख एक स्पेसएक्स की टीम बताएगी. इसके टलने की पहली वजह मौसम बना, फिर LOX लीकेज, इसकी वजह से बार-बार देरी का सामना करना पड़ रहा है. खैर यहां पर यह जानना जरूरी है कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला तीन विदेशी अंतरिक्षयात्रियों के साथ अंतरिक्ष में क्या करेंगे. इस दौरान वे किस चीज की खेती करेंगे और यह क्यों जरूरी है.
अंतरिक्ष मिशन में कौन से प्रयोग करेंगे शुभांशु
मिशन वेबसाइट की मानें तो शुभांशु अपने 14-दिवसीय प्रवास के दौरान विभिन्न भारतीय एजेंसियों के लिए 7 रिसर्च एक्सपेरिमेंट करेंगे. अंतरिक्ष में छह फसल बीज किस्मों का अध्ययन किया जाएगा, जिसमें हरी मूंग और मेथी जैसे सुपरफूड भी शामिल हैं. इस प्रयोग का उद्देश्य यह पता लगाना है कि ये पौष्टिक सुपरफूड अंतरिक्ष के अनूठे वातावरण में पनप सकते हैं कि नहीं. अगर यह संभव हो सका तो लंबी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान धरती से अलग टिकाऊ खाद्य स्रोतों के लिए नई संभावनाएं हो सकती हैं. इन बीज फसलों के जरिए स्पेसफ्लाइट का असर समझा जा सकेगा. इसके बाद वांठित लक्षणों और आनुवंशिक विश्लेषण के लिए इनकी खेती की जा सकेगी. दरअसल इस दौरान इस बात की खोज करना है कि अंतरिक्ष में फसलों की खेती कैसे की जाती है.
मूंग और मेथी की खेती जरूरी क्यों
हरी मूंग दाल या हरी दाल में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज जैसे जरूरी तत्व मौजूद होते हें, जो कि मांसपेशियों को बढ़ाने में सहायता करते हैं और रोग इम्युनिटी सिस्टम को भी बढ़ाते हैं और पाचन में मदद करते हैं. यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक मूल्यवान खाद्य स्रोच बन जाता है, क्योंकि अंतरिक्ष में संतुलित पोषण की जरूरत होती है. इसी तरह से मेथी भी खास होती है, जो कि ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है और सूजन को कम करके दिल के स्वास्थ्य को ठीक रखती है. मेथी किसी भी आहार के लिए लाभकारी मानी जाती है.
क्यों अहम है यह प्रयोग
अंतरिक्ष में हरी चने और मेथी जैसी फसलें उगाना सिर्फ एक प्रयोग से कहीं ज्यादा है. यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा, मंगल या उससे आगे के लंबे मिशनों के दौरान ताजा और हेल्दी खाना मिल सके. अगर यह प्रयोग सफल रहा, तो अंतरिक्ष में इन सुपरफूड्स की खेती अंतरिक्ष यात्रियों के खाने-पीने और सख्त वातावरण में जीवित रहने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है.