उत्तर प्रदेश में ईद उल अजहा से पहले कुर्बानी को लेकर सियासी विवाद शुरू हो गया है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (AIMIM) नेता आसिम वकार ने इस पर बड़ा सियासी बयान दिया है. मुस्लिम नेता आसिम वकार ने कहा है कि बकरीद पर ही जीव हत्या का जिन क्यों बहार निकलता है? मुसलमानो को चाहिए इस पर कोई सफाई न दे.
एआईएमआईएम नेता आसिम वकार ने कहा है कि कई साल से देख रहा हूं कि इधर बकरीद आई और बहुत से गैंग सक्रिय हो गए. कहा जा रहा है कि जीव हत्या पाप, मुसलमान निर्दयी हैं, मुसलमान गोस खा रहे हैं, जैसे तमाम तरह के संदेश फैलाए जा रहे हैं और मुसलमान इस पर सफाई दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं आज सफाई देने नहीं आया हूं, बल्कि यह कहने आया हूं कि जीव हत्या का जिन सिर्फ बकरीद पर ही क्यों निकलता है? उन्होंने विरोधियों से पूछा है कि जीवों के प्रति पूरे साल आपका प्रेम कहां चला जाता है.
बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के बयान पर किया पलटवार
वहीं गाजियाबाद की लोनी विधानसभा से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के बकरीद को लेकर दिए बयान पर मुस्लिम नेता आसिम वकार ने पलटवार करते हुए कहा कि, पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में अल दुआ स्लाटर हाउस हैं, जहां हजारों जानवर काटे जाते हैं. इसका घेराव कीजिये और इसका लाइसेंस रद्द करवाईये. इसके अलावा टी राजा सिंह के बयान पर भी पलटवार करते हुए कहा है कि राजा सिंह को चाहिए अपनी स्टेट के मेंढक ज़िले में अल कबीर क़त्ल खाने का घेराव करे, वह से बीफ निर्यात किया जाता है.
गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग
मुस्लिम नेता आसिम वकार ने कहा कि, मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि जिस तरह से ऊँट को संरक्षित किया गया है, उसी तरह गायों को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए. जब सरकार ऊँट को बचा सकती है, तो गाये को क्यों नहीं बचा सकती है. गौरतलब है कि इस ईद उल अजहा का त्यौहार इस बार 7 जून को मनाया जाना है, लेकिन कुर्बानी को लेकर बयानबाजी का दौर तेज हो गया है.