सिलौटी शासकीय विद्यालय में चेतना विकास मूल्य शिक्षा प्रबोधन का आयोजन
सिलौटी। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिलौटी में आयोजित निःशुल्क शैक्षिक एवं कैरियर मार्गदर्शन शिविर के अंतर्गत चेतना विकास मूल्य शिक्षा प्रबोधन कार्यक्रम में वक्ता श्री गैंद लाल कोकड़िया (मानवीय शिक्षा शोध संस्थान, तेंदुवाही, महासमुंद) ने कहा कि “कल्पनाशीलता और कर्म स्वतंत्रता मनुष्य को प्रकृति के दो महान वरदान हैं, जिनका सदुपयोग कर मानव स्वयं देवता बन सकता है और पृथ्वी को स्वर्ग बना सकता है।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश आज मनुष्य इन्हीं वरदानों का उपयोग प्रकृति के शोषण के लिए कर रहा है, जिसके दुष्परिणाम स्वरूप प्रकृति में असंतुलन, पारिवारिक विघटन और मानसिक घुटन जैसी समस्याएं उभर रही हैं। संपत्ति, संसाधन और सामाजिक प्रतिष्ठा होने के बावजूद भी आज का मानव अशांत है।
मानव मूल्य और लक्ष्य की दी समझ
श्री कोकड़िया ने विद्यार्थियों को मानव जीवन के मूल्यों, लक्ष्यों एवं उनके सही दिशा में उपयोग की महत्ता समझाई। उन्होंने कहा कि कल्पना एक ओर जहां रचनात्मकता, नवाचार और भविष्यदृष्टि को जन्म देती है, वहीं यदि असंतुलित हो जाए तो चिंता, भय और भ्रम का कारण भी बन सकती है।
शिक्षक दंपति का प्रेरक संदेश
शिक्षक दंपति श्री गैंद लाल कोकड़िया एवं श्रीमती राखी कोकड़िया ने कहा कि “मनुष्य वही देता है जो उसके पास होता है।” उन्होंने बताया कि मनुष्य की असली पहचान उसके चरित्र और गुणों से होती है, न कि धन, रूप या पद से। समाज में बढ़ते कुकर्मों और घटनाओं से बचने के लिए ईमानदारी, समझदारी और जिम्मेदारी के साथ प्रकृति व समाज में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना आवश्यक है।
उल्लेखनीय उपस्थिति और मार्गदर्शन
कार्यक्रम में गिरधारी साहू (शिक्षक अध्यक्ष), गितेश्वरी साहू (जनपद अध्यक्ष), डी.आर. साहू (प्राचार्य), सहित क्षेत्र के गणमान्य शिक्षकों और पालकों की उपस्थिति रही। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने इस मूल्यवान सत्र का लाभ उठाया।