बीते दिनों बलूचिस्तान ने पाकिस्तान से खुद की आजादी की घोषणा की थी. बलूच नेता मीर यार बलोच ने बलूचिस्तान को एक अलग मुल्क घोषित कर संयुक्त राष्ट्र से मान्यता देने की भी अपील की है. इसके साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ से शांति सेना भेजने का भी अनुरोध किया है, जिससे बलोच लोगों को पाकिस्तान से आजाद कराया जा सके. उन्होंने भारत समेत दुनिया के कई देशों से बलूचिस्तान को अलग देश के रूप में मान्यता देने की भी मांग की है.
मीर यार अलग मुल्क की घोषणा करते हुए दिल्ली में बलूचिस्तान का दूतावास खोलने व संयुक्त राष्ट्र से अलग करेंसी व पासपोर्ट के लिए अरबों डॉलर के फंड की भी मांग की है. बलूच नेताओं की ओर से इस तरह की एकतरफा घोषणा पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है. दरअसल, बलूचिस्तान पिछले कई दशकों से अपनी आजादी के लिए जंग लड़ रहा है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि बलूचिस्तान के अलावा वे कौन-कौन से देश हैं, जिन्होंने खुद को आजाद मुल्क घोषित किया है.

सोमालीलैंड: बलूचिस्तान की तरह ही सोमालिया में 1991 में सोमालीलैंड ने खुद की स्वतंत्रता की घोषणा की थी. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र ने अब तक इस देश को अलग देश के रूप में मान्यता नहीं दी है. इसे सोमालिया का ही हिस्सा माना जाता है.
कैलासा: कैलासा भी खुद को एक अलग देश होने का दावा करता है. दरअसल, भारत में रेप ओर अपहरण का आरोपी नित्यानंद 2019 में भारत से फरार हो गया था. इसके बाद उसने खुद का एक देश बनाने का दावा किया, जिसका नाम यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा रखा गया. दावा किया जाता है कि कैलासा की अपनी करेंसी भी है और यह देश संयुक्त राष्ट्र में भी शामिल होने का दावा करता है. हालांकि, औपचारिक तौर पर इसे अलग मान्यता नहीं दी गई है.
नए देश के लिए ये शर्तें अनिवार्य
अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार, अगर कोई देश खुद को स्वतंत्र घोषित करता है तो उसे चार शर्तों का पालन करना चाहिए. ये चार शर्तें ही किसी क्षेत्र की अलग देश के रूप में पहचान कराती हैं. इसमें आबादी, क्षेत्र, सरकार और संप्रभुता शामिल है. यानी किसी देश की एक स्थाई आबादी होने चाहिए और वहां के लोग अपनी राष्ट्रीयता पर विश्वास करते हों. किसी देश के पास निश्चित भूभाग होना चाहिए. किसी देश का संप्रभु होना जरूरी है, यानी कोई और मुल्क उस पर अपना दावा न करे. इसके अलावा किसी देश की अपनी प्रभावी सरकार होनी चाहिए.