ग्राम विकास की दिशा में नई सोच, नए रास्ते
कृषि/ गांवों की तस्वीर बदलने के लिए अब खेती किसानी सिर्फ फसल तक सीमित नहीं रही। जनपद सदस्य दुर्गेश नंदिनी ने एक नया विज़न सामने रखते हुए कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए पशुपालन, उद्यानिकी और नवाचार की जरूरत है।
उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूह के माध्यम से लगभग 300 बकरियों का पालन किया जा रहा है, जिससे दूध उत्पादन हो रहा है। यह केवल एक शुरुआत है—भविष्य में इस दूध से दूध पाउडर तैयार करने की योजना पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। इससे गांव की महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेंगी और बाजार में अपनी पहचान बना सकेंगी।
इतना ही नहीं, दुर्गेश नंदिनी ने एक नया सुझाव भी रखा: मछली पालन के साथ मखाने की खेती। उन्होंने कहा कि “मखाने की खेती से किसानों को बड़ा मुनाफा हो सकता है, और यह जल संसाधनों का बेहतर उपयोग भी है।”
जनपद सदस्य ने क्षेत्र की जनता से आह्वान किया कि वे शासन की योजनाओं में सक्रिय भागीदारी करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।