भारत में कई आतंकी हमले की साजिश रचने वाले लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर रजाउल्लाह निजामनी उर्फ सैफुल्लाह को रविवार (18 मई 2025) को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर ढेर कर दिया. उसकी मौत के बाद एक बार फिर पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों का गठजोड़ सामने आया है. हाफिज सईद के बेटे तान्हा सईद की पार्टी पाकिस्तान मरकज मुस्लिम लीग (PMML) ने सैफुल्लाह की मौत पर शोक सभा का आयोजन किया था.
सैफुल्लाह की शोक सभा में भारत के खिलाफ नारेबाजी
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मतली इलाके में सैफुल्लाह को गोली मारी गई. इस सभा में आतंकी सैफुल्लाह की मौत को शहादत बताया गया और भारत के खिलाफ नारेबाजी की गई. हाफिज सईद के बेटे की पार्टी के ज्यादातर लोग लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा जैसे आतंकी संगठन से जुड़े हुए हैं, जिससे यह फिर से साबित हो गया कि पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टियां सेना के साथ मिलकर आतंकवाद को पनाह दे रही हैं.
आतंकियों के साथ सेना का संबंध
भारत की ओर से किए गए ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों की नमाज-ए-जनाजा की अगुवाई हाफिज अब्दुर रऊफ ने की थी. वह भी पाकिस्तान मरकज मुस्लिम लीग का कार्यकर्ता है. पाकिस्तान ने उसे मामूली पारिवारिक आदमी बताया था. रऊफ के पीछे पाकिस्तानी फौज के कई आला अफसर खड़े थे और आतंकियों को शहीद का दर्जा दिया गया था. हाफिज अब्दुर रऊफ जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का भाई है. उसे अमेरिका ने भी आतंकी घोषित किया हुआ है.
पाकिस्तान नए-नए आतंकियों को पैदा करने वाला फैक्ट्री बन गया है. मसूद अजहर, हाफिद सईद, जकीउर रहमान लखवी जैसे आतंकियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान अब नए लोगों आतंक फैलाने के लिए तैयार कर रहा है.
सैफुल्लाह को अंडरग्राउंड होने के लिए कहा गया था
लश्कर का आतंकी अबू सैफुल्लाह नेपाल के जरिए आतंकी नेटवर्क को हैंडल कर रहा था. वह पाकिस्तान में रहकर लश्कर के लिए आतंकियों की भर्ती कर रहा था. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी आर्मी और आईएसआई (ISI) ने आतंकियों की सुरक्षा बढ़ा दी है. भारत ने जब पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह किया तो लश्कर ने सैफुल्लाह को अंडरग्राउंड रहने के लिए कहा था.