छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को बस्तर के नक्सल प्रभावित बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों का दौरा किया. इस दौरान सीएम ने हाल ही में कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में संपन्न देश के सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान के बाद जवानों से मुलाकात की और उनका मनोबल बढ़ाया.
मुख्यमंत्री जब गलगम स्थित सीआरपीएफ कैंप पहुंचे, तो उन्होंने जवानों की सराहना करते हुए कहा कि अब यह जंग सिर्फ जवानों के हौसले और बहादुरी के साथ-साथ शिक्षा, रोजगार और विकास के जरिए लड़ी जाएगी.
कर्रेगुट्टा ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने 31 खूंखार नक्सलियों को ढेर किया था, जिनमें संगठन के उच्च रैंक के कैडर शामिल थे. अभियान के दौरान 450 से अधिक आईईडी निष्क्रिय किए गए और बड़ी मात्रा में अत्याधुनिक हथियार बरामद हुए.
आज बीजापुर जिले के गलगम स्थित सुरक्षा कैम्प में सैनिक सम्मेलन में शामिल हुआ।
पिछले दिनों कुर्रेगुट्टा में नक्सलवाद के विरुद्ध मिली ऐतिहासिक सफलता के लिए सुरक्षाबलों को बधाई दी। इस दौरान जवानों के साथ संवाद किया और ऑपरेशन से जुड़े अनुभवों को सुना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अब क्षेत्र में स्थायी शांति और समावेशी विकास का अवसर है. मुख्यमंत्री का यह दौरा राज्य सरकार की सुशासन त्योहार पहल के अंतर्गत हुआ, जिसका उद्देश्य है जनसरोकार की योजनाओं की प्रगति का निरीक्षण करना. इस कड़ी में उन्होंने ग्राम पंचायत मुलेर का दौरा कर विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा की.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में साय सरकार सुशासन तिहार के जरिए ग्रामीणों से सीधा संवाद कर रही है. गांव के लोग बताते हैं कि मुख्यमंत्री अचानक आ धमकते हैं और सीधे पूछते हैं—“राशन मिल रहा है? स्कूल चल रहा है? आवास मिला या नहीं? आयुष्मान कार्ड बना या नहीं?” और जवाब अगर ‘नहीं’ हुआ, तो वहीं पर मौजूद अधिकारियों की जवाबदेही तय कर दी जाती है.
मुख्यमंत्री बीजापुर के ग्राम पंचायत मुलेर पहुंचे. यहां की आबादी मात्र 474 है, लेकिन इसके विकास की कहानी बड़ी है. मुख्यमंत्री ने नई प्राथमिक शाला की नींव की प्रगति देखी, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 22 आवासों का निरीक्षण किया और 4.50 लाख रुपये की लागत से बन रहे सामुदायिक शौचालयों की जानकारी ली.
यहां 6 स्व-सहायता समूह गठित किए जा चुके हैं. लक्ष्मी स्व-सहायता समूह ने महज कुछ ही समय में 40,000 रुपये का मुनाफा कमाया. मुख्यमंत्री ने इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “यह आर्थिक आत्मनिर्भरता ही असली लोकतंत्र की जड़ है.”
बताया गया है कि बीजापुर में विकसित की जा रही सेंट्रल लाइब्रेरी अब सिर्फ किताबों की जगह नहीं, बल्कि एक न्यू एज लर्निंग सेंटर बन चुकी है. यहां कंप्यूटर प्रशिक्षण 22 जनवरी 2025 से शुरू हुआ, जिसमें 30 छात्र प्रशिक्षण ले रहे हैं. इसके साथ 1 अप्रैल 2025 से निःशुल्क करियर कक्षाएं चलाई जा रही हैं, जहां 60 युवा सपनों को आकार दे रहे हैं. यहां आधुनिक तकनीक का उपयोग भी हो रहा है, VR सेट, डेलाइट स्कोप और एलेक्सा जैसी टेक्नोलॉजी से बच्चे पढ़ाई को अनुभव बना रहे हैं.
‘जहां कल तक बंदूक थामे थे, वहां आज ड्रोन उड़ाना सीख रहे हैं’
मुख्यमंत्री ने पुराने नवोदय छात्रावास में चल रहे पुनर्वास केंद्र का दौरा किया. यहां 90 आत्मसमर्पित नक्सली न केवल सुरक्षित जीवन जी रहे हैं, बल्कि सम्मानजनक रोजगार की दिशा में प्रशिक्षण भी ले रहे हैं. उन्हें ड्रोन ऑपरेटर, स्मॉल पॉल्ट्री फार्मर, टैक्सी ड्राइवर जैसे कोर्स में प्रशिक्षित किया जा रहा है.