भारत और पाकिस्तान के बीच अब तनाव शांत हो रहा है. इसी बीच पाकिस्तान ने भारतीय BSF के जवान पूर्णम कुमार साहू को हिरासत से रिहा कर दिया है. बता दें कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद तनाव का माहौल बना हुआ था. इसी बीच 23 अप्रैल को BSF का एक जवान पूर्णम कुमार साहू गलती से पाकिस्तान सीमा में चला गया. पूर्णम कुमार साहू को पाकिस्तानी रेंजर्स ने इंटरनेशनल बॉर्डर से हिरासत में ले लिया था. इसके बाद से ही उन्हें वापस लाए जाने की मांग हो रही थी. जिसके बाद अब 14 मई को करीब 20 दिन बाद पाकिस्तान ने भारत के बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ को वापस लौटा दिया है.
इसी के बाद भारत ने भी एक पाकिस्तानी रेंजर जवान को पकड़ लिया था. बीएसएफ ने राजस्थान में भारतीय सीमा के नजदीक पाक रेंजर्स को पकड़ा था. जिसको भारतीय जवान के बदले भारत ने भी पाक रेंजर्स को पाकिस्तान को सौंप दिया है. हालांकि BSF के जवान से पहले विंग कमांडर अभिनंदन भी गलती से पाकिस्तान चले गए थे. लेकिन पाकिस्तान ने विंग कमांडर अभिनंदन को भी लौटा दिया था. ऐसे में अब एक बार फिर विंग कमांडर अभिनंदन को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. लोग जानना चाहते हैं कि पाकिस्तान से लौटने के बाद विंग कमांडर अभिनंदन के साथ क्या हुआ था.
कैसे पाकिस्तान पहुंचे थे विंग कमांडर अभिनंदन
अभिनंदन भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर हैं. उनके पिता भी एयरफोर्स में ही थे और उनके भाई भी एयरफोर्स में ही हैं. अभिनंदन 2004 में सेना में शामिल हुए थे. वहीं जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले के बाद अभिनंदन को बालाकोट एयरस्ट्राइक में जब पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश की थी तो पाकिस्तानी एफ-16 जेट को मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान से मार गिराया था. लेकिन अभिनंदन ने हवाई भिड़ंत के दौरान पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था.
इस दौरान उनका मिग-21 विमान भी गिर गया था और वो पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में पहुंच गए थे. हालांकि दो दिन बाद 1 मार्च 2019 को विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा कर दिया गया था. विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान ने जिनेवा कन्वेंशन के तहत वापस भेजा था. जिनेवा कन्वेंशन के तहत युद्धबंदियों को युद्ध समाप्त होने के बाद उनके मूल देशों में वापस भेजना होता है. यह एक अंतरराष्ट्रीय कानून है जो युद्ध के दौरान युद्धबंदियों के साथ मानवीय व्यवहार का प्रावधान करता है.
विंग कमांडर अभिनंदन के साथ क्या हुआ था
पाकिस्तान से लौटने के बाद विंग कमांडर अभिनंदन को सबसे पहले वायुसेना की मेडिकल टीम उनकी पूरी जांच के लिए अपने साथ ले गई और उनकी पूरी जांच की गई थी. यह जांच इसलिए होती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्हें कोई शारीरिक चोट तो नहीं लगी है, कहीं उन्हें नशे की दवाइयां तो नहीं दी गई, या फिर मानसिक या शारीरिक प्रताड़ना तो नहीं दी गई. जिनेवा कन्वेंशन के अनुसार, यह जांच करना जरूरी होता है. इन सभी बातों का रिकॉर्ड बनाया जाता है.
वहीं इसी के बाद फिर अभिनंदन को भारतीय वायुसेना को सौंप दिया गया था. लेकिन पाकिस्तान से लौटने के बाद विंग कमांडर अभिनंदन पर फाइटर प्लेन उड़ाने पर पाबंदी लगी थी, क्योंकि जब वह विमान से निकले थे, तब उन्हें चोटें भी आई थीं, इसलिए उन्हें कुछ समय के लिए विमान उड़ाने से रोका गया था. रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान से लौटने के बाद विंग कमांडर अभिनंदन को कुछ समय ग्राउंडेड कर दिया गया था, लेकिन लगभग छह महीने बाद, उन्होंने फिर से लड़ाकू विमान उड़ाना शुरू कर दिया. हालांकि वायुसेना के एक संस्थान ने उनकी मेडिकल जांच की थी और उसके बाद विंग कमांडर अभिनंदन फिर से उड़ान भरने की इजाजत दे दी गई.