दुनिया में कई ऐसे जासूस हुए हैं जिन्होंने अपने कामों का लोहा मनवाया है. दुनियाभर में उनके कामों को आज भी याद किया जाता है. चलिए आज हम आपको ऐसे ही एक जासूस के बारे में बताते हैं. जिसके बारे में कहा जाता है कि वह पानी के अंदर बम डिफ्यूज कर देता था. कमांडर लियोनेल क्रैब के बारे में जब आप उनके बारे में खोजेंगे, तो जो जानकारियां सामने आएंगी, वे आपको हैरान कर देंगी.
कौन थे कमांडर लियोनेल क्रैब
इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, कमांडर लियोनेल क्रैब ब्रिटिश नौसेना के फेमस गोताखोर थे. इसके साथ ही वह MI6 के लिए जासूसी का काम भी किया करते थे 1956 में में उनकी रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई जो आज तक लोगों के लिए सिर्फ एक रहस्य है कि आखिर उनकी मौत कैसे हुई और उनके शरीर के साथ क्या किया गया. बताया जाता है कि क्रैब एक साधारण से परिवार थे. उनके पिता एक फोटोग्राफिक व्यापारी थे. क्रैब ने अलग अलग जगह काम किया. उन्होंने समुद्री प्रशिक्षण के लिए HMS Conway में दो साल तक ट्रेनिंग ली थी. द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान क्रैब ब्रिटिश की रॉयल नेवी में शामिल हो गए.
पानी के अंदर बम डिफ्यूज करने में महारत
क्रैब ब्रिटिश की रॉयल नेवी में शामिल होकर गोताखोरी और बम को पानी में ही डिफ्यूज करने की कला में महारत हासिल की. historic-uk के अनुसार, क्रैब को रॉयल नेवी की नई गोताखोरी यूनिट का मेंबर बनाया गया और उनको लिम्पेट माइनों को हटाने का काम दिया गया जो दुश्मन के की तरफ से मित्र देशों के पानी वाले जहाजों के जहाज के नीचे या किनारे की मुख्य संरचना पर लगाए गए थे यह काफी कठिन काम था लेकिन कमांडर लियोनेल क्रैब ने इस काम को आसानी से किया.
कहां हो गए गायब
1955 के बाद जब एक बार फिर कोल्ड वॉर का आहट हो रही थी जब क्रैब अपने पहले मिशन पर गए. 29 अप्रैल 1956 में एक खबर आई कि क्रैब गायब हो गए या शायद उनकी मौत हो गई .जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री से क्रैब की मौत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह बताना जनहित में नहीं होगा कि क्रैब की मौत किन परिस्थितियों में हुई थी. उनकी मौत आज भी एक राज है.