छत्तीसगढ़ CM विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai) ने आज (5 मई) को सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत सक्ती (Sakti) जिले के ग्राम करिगांव का दौरा किया. इस दौरान CM ने ग्रामीणों के बीच पहुंचकर योजनाओं के लागू होने की हकीकत को परखा. गांव के पीपल पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर CM ने ग्रामीणों से सीधे संवाद किया. बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्याएं, सुझाव और अनुभव साझा किए.
सिर्फ योजनाएं बनाना नहीं है उद्देश्य- CM
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी सरकार का उद्देश्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें धरातल पर उतारकर प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंचाना है. उन्होंने कहा कि जनसुनवाई और जनसरोकार से जुड़ाव ही सुशासन की असली पहचान है, और चौपाल का यह आयोजन उसी दिशा में एक सशक्त कदम है.
PM आवास योजना हितग्राही के घर पहुंचे CM
चौपाल के बाद CM प्रधानमंत्री आवास योजना की लाभार्थी श्रीमती सोनाई बाई के निर्माणाधीन घर पहुंचे. उन्होंने निर्माण कार्य की गुणवत्ता देखी और परिवार से योजना के लाभों की जानकारी ली. CM ने उनसे यह भी पूछा कि क्या उन्हें महतारी वंदन योजना (Mahtari Vandan Yojana) के तहत सहायता राशि मिल रही है. इस पर श्रीमती सोनाई बाई ने बताया कि उन्हें नियमित रूप से राशि मिल रही है, जिससे उनके परिवार को आर्थिक राहत मिल रही है.
मुख्यमंत्री साय ने यह भी देखा कि सोनाई बाई के घर में जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत नल से जल आपूर्ति हो रही है. उन्होंने इसे गांवों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव बताया.
आवास योजना के सर्वे में भागीदारी की अपील
चौपाल में कई ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नए मकानों की मांग रखी. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार “सभी के लिए आवास” के लक्ष्य पर काम कर रही है. उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत सर्वे कार्य 15 मई 2025 तक जारी रहेगा और सभी पात्र नागरिकों से अपील की कि वे अपना नाम अवश्य दर्ज कराएं.
उन्होंने कहा, “यह योजना केवल छत देने की नहीं, बल्कि सम्मान और सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक मजबूत प्रयास है. कोई भी पात्र नागरिक आवास के अधिकार से वंचित न रहे, यह हमारी प्राथमिकता है.”
मुख्यमंत्री साय ने अंत में कहा कि सुशासन सिर्फ प्रशासनिक शब्द नहीं, बल्कि यह पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिकों की भागीदारी पर आधारित शासन का मॉडल है. उन्होंने कहा कि जब सरकार स्वयं जाकर यह देखती है कि योजनाओं का लाभ वास्तव में मिल रहा है, तभी यह भरोसा बनता है कि योजनाएं फाइलों से निकलकर जनता तक पहुंच रही हैं.