भारत के प्रधानमंत्री के साथ काम करना हर किसी का सपना होता है. लेकिन इस पद के सबसे करीबी और जरूरी पदों में निजी सचिव (Private Secretary) की भूमिका बेहद जिम्मेदारी भरी और खास होती है. पिछले दिनों निधि तिवारी की पीएम का निजी सचिव बनाया गया था. आइए आज जानते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री के निजी सचिव कैसे चुने जाते हैं और इसके लिए आपको क्या करने की जरूरत होती है.
निजी सचिव का काम केवल शेड्यूल मैनेज करना या फाइलें आगे बढ़ाना नहीं होता. यह व्यक्ति प्रधानमंत्री के कार्यभार को व्यवस्थित रखने, महत्वपूर्ण बैठकों की तैयारी करने, गोपनीय सूचनाओं को संभालने और नीतिगत चर्चाओं का हिस्सा बनने तक की जिम्मेदारी निभाता है.
कैसे होता है चयन?
रिपोर्ट्स के अनुसार प्रधानमंत्री के निजी सचिव की नियुक्ति सामान्य रूप से IFS (भारतीय विदेश सेवा) IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा) के अधिकारियों में से की जाती है. आमतौर पर ऐसे अधिकारी चुने जाते हैं जिनका प्रशासनिक अनुभव 10 साल या उससे अधिक हो. हाल ही में आईएफएस अधिकारी निधि तिवारी को पीएम का निजी सचिव नियुक्त किया गया था. इससे पहले निधि प्रधानमंत्री कार्यालय में बतौर डिप्टी सेक्रेटरी सेवाएं दे रही थीं.