गांव की महिलाओं को आजीविका से जोड़ने महिला कोष से मिलेगा ऋण
सिकलसेल मरीजों को पात्रता अनुसार दिव्यांगता प्रमाण पत्र भी मिलेंगे
धमतरी/ 17 जून स्व सहायता समूहों से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं को आजीविका से जोड़ने के लिए रियायती ब्याज दरों पर अब महिला कोष से ऋण दिलाने की योजना जिला प्रशासन बना रहा है। इसके साथ ही महिलाओं को सक्षम योजना के तहत भी स्वरोजगार के लिए व्यक्तिगत ऋण भी मिल सकेगा। समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में आज कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने इसके लिए जरूरी निर्देश अधिकारियों को दिए।
उन्होंने जिला पंचायत की सीईओ रोमा श्रीवास्तव को लखपति दीदी कार्यक्रम के तहत गांव-गांव में किए गए सर्वे में से महिला समूहों और पात्र महिलाओं को चिन्हांकित करने को भी कहा। कलेक्टर ने कहा कि स्व सहायता समूहों को व्यवसाय के लिए बैंकों से ऊंची ब्याज दरों पर ऋण लेना पड़ता है, जिससे उनका फायदा कम हो जाता है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित महिला कोष योजना के तहत महिला समूहों को केवल 3 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन मिल सकेगा। इसके साथ ही सक्षम योजना के तहत विधवा, परित्यक्ता, 35 वर्ष से अधिक आयु की अविवाहित महिला को स्वरोजगार के लिए व्यक्तिगत ऋण भी केवल तीन प्रतिशत ब्याज पर मिल सकेगा। इससे स्वसहायता समूहों और महिलाओं की स्वरोजगार शुरू करने की लागत कम होगी और उन्हें ज्यादा फायदा हो सकेगा।
बैठक में कलेक्टर ने सिकलसेल एनीमिया से पीड़ित सभी मरीजों और उनके परिजनों की कार्यशाला करने के भी निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने सिकलसेल के सभी मरीजों के पात्रता अनुसार दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने को भी कहा। कलेक्टर ने कार्यशाला में ही मेडिकल बोर्ड के सदस्यों को बुलाकर मरीजों की जांच कर पात्रता अनुसार प्रमाण पत्र बनाने के निर्देश दिए। मिश्रा ने जिला अस्पताल परिसर में बन रहे ट्रामा यूनिट के लिए उपकरणों, मशीनों आदि की मांग का पत्र भी शासन को समय पर भेजने के निर्देश दिए, ताकि निर्माण कार्य पूरा होने के साथ ही उपकरणों-मशीनों को भी प्राप्त कर इनका स्टॉलेशन किया जा सके।