उत्तर प्रदेश में अब भूजल संकट से निपटने के लिए सरकार सीधे जनता से संवाद करेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक बड़ा जन अभियान शुरू किया जा रहा है, जिसमें बच्चों, शिक्षकों, सामाजिक संगठनों, एनजीओ और पंचायत प्रतिनिधियों को साथ लेकर चार महीने तक भूजल संरक्षण के लिए प्रदेशभर में कार्यक्रम चलाए जाएंगे.
सरकार की योजना है कि जल बचाने की सोच को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाया जाए और इसके लिए पूरे प्रदेश में 300 भूजल रैलियों का आयोजन होगा. इन रैलियों में स्कूली बच्चों और अध्यापकों की विशेष भागीदारी रहेगी ताकि भविष्य की पीढ़ी में पानी के संरक्षण को लेकर जागरूकता बचपन से ही विकसित की जा सके.

हर जिले में होंगे कार्यक्रम
मुख्यमंत्री योगी ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि हर जिले में लघु गोष्ठियों के माध्यम से जल संरक्षण की तकनीक, वर्षा जल संचयन, और पारंपरिक जल स्रोतों की मरम्मत के बारे में आम लोगों को बताया जाए. सामाजिक संगठन, ग्राम प्रधान, ब्लॉक प्रमुख, अध्यापक और अधिकारी मिलकर यह अभियान चलाएंगे.
देश के कई राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी भूजल का स्तर लगातार गिर रहा है. खासकर पश्चिमी यूपी, बुंदेलखंड और तराई क्षेत्रों में यह संकट और गहरा है. केन्द्र सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूपी के कई जिलों में भूजल ‘अति दोहन’ की स्थिति में पहुंच चुका है. ऐसे में जनभागीदारी से ही स्थायी समाधान निकाला जा सकता है.
इस जन अभियान का मकसद सिर्फ एक बार जल बचाना नहीं, बल्कि लोगों की सोच में बदलाव लाना है. यह अभियान बच्चों के माध्यम से घर-घर पहुंचेगा और लोगों को समझाया जाएगा कि अगर आज जल नहीं बचाया गया तो कल जीवन संकट में आ सकता है.
क्या होगा इस अभियान में—
- हर जिले में जल संरक्षण पर 300 भूजल रैलियां
- 19 बड़े कार्यक्रम, जिसमें जनता से सीधा संवाद
- स्कूलों में बच्चों को जल संरक्षण पर प्रेरित करने वाले अभियान
- विशेषज्ञों द्वारा गोष्ठियां, जल बचाने के वैज्ञानिक तरीके बताए जाएंगे
- एनजीओ, पंचायत, समाजसेवी संस्थाओं को अभियान से जोड़ा जाएगा
यह पहली बार है जब उत्तर प्रदेश में सरकार और समाज मिलकर इतने बड़े पैमाने पर जल संरक्षण का अभियान छेड़ रहे हैं. इससे भविष्य में पानी की किल्लत को काफी हद तक टाला जा सकेगा.