मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक आदिवासी महिला के साथ हुई गैंगरेप की दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है. पुलिस के अनुसार, वारदात के बाद एक आरोपी ने महिला के शरीर में हाथ डाल दिया, जिससे उसकी आंतें बाहर आ गईं और अत्यधिक खून बहने से उसकी मौत हो गई.
यह घटना शुक्रवार (23 मई) रात को जिले से 90 किलोमीटर दूर रोशनी पुलिस चौकी क्षेत्र में हुई. शनिवार (24 मई) दोपहर करीब 2.30 बजे महिला की मौत हो गई. पुलिस उपमहानिरीक्षक (आईजी) सिद्धार्थ बहुगुणा और जांच अधिकारी एवं कलवा थाने के प्रभारी निरीक्षक जगदीश सिंधिया ने बताया कि दो आरोपियों हरि (40) और सुनील (35) को गिरफ्तार कर लिया गया है.
जगदीश सिंधिया के अनुसार, यौन उत्पीड़न के बाद हरि ने महिला के शरीर में हाथ डाल दिया, जिससे उसकी आंतें बाहर आ गईं. आरोपी ने आंतों को वापस डालने की कोशिश की, लेकिन विफल रहा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि महिला के गर्भाशय को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. फिलहाल पोस्टमार्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
इन धाराओं के तहत केस दर्ज
पुलिस ने घटनास्थल से लोहे या लकड़ी की कोई छड़ बरामद नहीं की है, हालांकि, घटनास्थल से चारपाई से खून से सना हुआ ‘बेड रोल’ जब्त करने के लिए पुलिस आरोपी की रिमांड की तैयारी कर रही है. इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 66 (मौत का कारण बनना), 70(1) (सामूहिक बलात्कार) और 103(1) (हत्या की सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया है. पीड़िता और दोनों आरोपी कोरकू आदिवासी समुदाय से संबंधित हैं.
इस हृदयविदारक घटना पर प्रदेश की सियासत भी गरमा गई है. प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने इस घटना को इंसानियत को शर्मसार करने वाला बताया और इसकी तुलना 2012 के दिल्ली के निर्भया कांड से की. मंदसौर की पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेता मीनाक्षी नटराजन ने सोशल मीडिया पर लिखा, “यह आदिवासी निर्भया जैसा मामला है. सरकार की चुप्पी शर्मनाक है.” जनता और सामाजिक संगठनों ने भी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है. प्रदेश में आदिवासी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं.