कोचिंग की दुनिया में खान सर की एक अलग ही पहचान है. खान सर के पिता भारतीय सेना और उनके बड़े भाई भी सेना में थे. खान सर भी सेना में जाना चाहते थे, मगर उनके हाथ सीधे न होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था. हाल ही में खान सर की शादी की खबर इंटरनेट पर आग की तरह फेल रही है. आइए जानते हैं खान सर पूरा सफर…
पटना के मशहूर शिक्षक खान सर आज लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं, लेकिन उनका सफर आसान नहीं रहा. एक वक्त ऐसा भी था जब उनके पास अच्छी पेंसिल खरीदने तक के पैसे नहीं थे. खुद एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वो पढ़ाई में औसत थे और कई प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लिया, जैसे इंजीनियरिंग, एनडीए और भारतीय सेना की भर्ती परीक्षा, लेकिन हर बार असफल रहे. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी.

कई बार फेल होने के बाद भी उन्होंने पढ़ाई जारी रखी. जहां कई लोग असफलता के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं, वहीं खान सर ने खुद को और बेहतर बनाने की ठानी. उन्होंने बीएससी करने के बाद एमए और एमएससी की पढ़ाई भी पूरी की.
उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के परमार मिशन स्कूल से की. आठवीं कक्षा पूरी करने के बाद उनका सपना था कि वो भारतीय सेना में शामिल हों, लेकिन सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा में उन्हें सफलता नहीं मिली.
कितने पढ़े लिखे हैं?
इसके बाद उन्होंने पॉलिटेक्निक परीक्षा की तैयारी की, लेकिन इसमें भी उन्हें उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली. फिर भी उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी. उन्होंने 10वीं की पढ़ाई एक अंग्रेजी मीडियम स्कूल से और 12वीं कक्षा एक हिंदी मीडियम स्कूल से पूरी की.
खान सर ने साइंस स्ट्रीम से ग्रेजुएशन किया और फिर इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. इसके अलावा उनके पास भूगोल (Geography) में भी स्नातकोत्तर (Post Graduation) की डिग्री है.
एक बच्चे से शुरुआत
खान सर ने अपने करियर की शुरुआत एक बच्चे को ट्यूशन पढ़ाने से की. वो बच्चा स्कूल में टॉप कर गया, जिससे खान सर को और बच्चों को पढ़ाने की प्रेरणा मिली. धीरे-धीरे उनका पढ़ाने का तरीका छात्रों को पसंद आने लगा और आज वो लाखों बच्चों को पढ़ा रहे हैं.
बम से हमला
शुरुआत में उनके पास कोचिंग खोलने के पैसे नहीं थे, तब उनके दोस्तों ने मदद की. लेकिन जब उनकी कोचिंग लोकप्रिय होने लगी, तो कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी कोचिंग पर बम से हमला भी हुआ, लेकिन वो डरे नहीं.
कोरोना काल
कोरोना काल में जब सारी कोचिंग्स बंद हो गईं, तब उन्होंने ऑनलाइन पढ़ाना शुरू किया. इस दौरान उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी और देशभर के छात्र उनसे जुड़ते चले गए. उन्होंने इस मुश्किल समय में भी पढ़ाई नहीं रुकने दी.