धमतरी/– जिले में शराब बिक्री में आई तेज़ी ने जहां सरकार की आय में इज़ाफा किया है, वहीं ट्रैफिक विभाग की लगातार सख्त कार्रवाइयों से आम नागरिकों में असंतोष भी देखने को मिल रहा है। शहरवासियों का कहना है कि सरकार एक ओर खुद शराब बेचकर मुनाफा कमा रही है, तो दूसरी ओर पुलिस द्वारा ट्रैफिक नियमों के नाम पर शराब सेवन की जांच के बहाने आम लोगों को परेशान किया जा रहा है।
हाल के दिनों में ट्रैफिक पुलिस द्वारा की जा रही ‘अल्कोहल चेकिंग’ के दौरान कई लोगों ने यह आरोप लगाया है कि बिना समुचित परीक्षण के भी उन्हें नशे में घोषित कर जुर्माना किया जा रहा है। इससे खासकर मजदूर वर्ग और निम्न आय वर्ग के लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता शैलेन्द्र साहू ने कहा, “सरकार को चाहिए कि वह शराब नीति को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करे। जब सरकार ही शराब बेच रही है तो फिर उस शराब के सेवन को लेकर आमजन पर अत्यधिक सख्ती क्यों?”
धमतरी में शराब दुकानों की बढ़ती संख्या और ट्रैफिक चालानों की बढ़ती संख्या ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या मौजूदा व्यवस्था आमजन की सुविधा के लिए है या सिर्फ राजस्व वसूली के लिए?