क्या वाकई अलग-अलग टुकड़ों में रखा जाता है परमाणु बम? जानें कैसे होता है इस्तेमाल…

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बीते दिन एयर मार्शल अवधेश भारती ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में मीडिया को बताया और इस दौरान उन्होंने रामचरित मानस की पंक्ति “भय बिनु होय न प्रीत” का इस्तेमाल कर पाकिस्तान पर निशाना साधा. पाकिस्तान से बार-बार इस बात के सबूत मिले हैं कि वहां की फौज सरकार के कब्जे में नहीं है और उसका आतंकवाद से गहरा नाता है. देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि पाकिस्तान की परमाणु बम को लेकर कोई धमकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस दौरान परमाणु बम को लेकर तमाम तरह की कई बातें हुई हैं. लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि परमाणु बम रखा कैसे जाता है और इसका इस्तेमाल कैसे होता है.

क्या अलग-अलग रखते हैं परमाणु बम

यहां पर एक सवाल यह है कि क्या परमाणु बम को अलग-अलग रखा जाता है या फिर एक साथ स्टोर किया जाता है. इसका जवाब है कि हां परमाणु बम को अलग-अलग टुकड़ों में रखा जाता है. यह सुरक्षा और संचालन के लिहाज से किया जाता है. इसको दो या दो से ज्यादा भागों में विभाजित किया जाता है. इनको तब तक अलग-अलग हिस्सों में रखा जाता है, जब तक कि वो प्रयोग के लिए तैयार न हो जाएं. इनको अलग-अलग रखने से किसी भी तरह की दुर्घटना का जोखिम कम होता है. अगर गलती से एक टुकड़ा नष्ट हो जाता है तो बाकी के टुकड़े भी सुरक्षित रहते हैं.

 

 

अलग-अलग क्यों रखा जाता है परमाणु बम

परमाणु बम को अलग-अलग रखने से इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है. इसे अलग रखने से बम को अगर कहीं पर ले जाना हो तो टुकड़ों में इसे ले जाया जा सकता है. कई परमाणु बम में गड्ढा नाम से एक जरूरी हिस्सा होता है, जो कि बम के विस्फोटक भाग का प्रतिनिधित्व करता है. इसको यूरेनियम 235 या प्लूटोनियम 239 से मिलकर बनाया जाता है. इसको एक साथ रखा जाता है जब तक कि बम को सक्रिय करने का निर्णय नहीं लिया जाता है. परमाणु बमों की क्षमता अलग-अलग होती है, लेकिन वे मुख्य रूप से टन टीएनटी में मापे जाते हैं. उदाहरण के लिए हिरोशिमा पर जो बम गिराया गया था वह 15 किलोटन के बराबर था, जबकि जार बॉम्बा 50 मेगाटन टीएनटी के बराबर था.

कैसे काम करता है परमाणु बम

नाभिकीय विखंडन से परमाणु बम बनता है, जो सामूहिक विनाश करने वाला हथियार है. इसके जरिए परमाणु नाभिक के विखंडन से शक्ति उत्पन्न होती है, जो कि बहुत खतरनाक होती है. जब एक भी मुक्त न्यूट्रॉन यूरेनियम या प्लूटोनियम जैसे रेडियोधर्मी पदार्थ के परमाणु के नाभिक से टकराता है, तो वह दो या तीन और न्यूट्रॉन को मुक्त कर देता है.

 

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