सोवियत संघ का पूरा नाम सोवियत समाजवादी गणतंत्रों का संघ था. यह यूरेशिया में एक देश था जो 1922 से 1991 तक आस्तित्व में था. यह दुनिया का सबसे बड़ा देश था और 15 स्वशासित गणतंत्रों का संघ था, लेकिन असल में पूरे देश पर केंद्रीय सरकार का नियंत्रण हुआ करता था. इसे सोवियत संघ या फिर यूएसएसआर के नाम से जाना जाता था. सोवियत संघ में 15 स्वशासित गणतंत्र थे, जिसमें सबसे बड़ा रूसी सोवियत संघीय समाजवादी गणतंत्र था. सोवियत संघ का विघटन 1991 में हो गया था, जिसके बाद 15 अलग स्वतंत्र देशों में बदल गए. चलिए जानें कि सोवियत संघ का विघटन कैसे और क्यों हुआ था.
क्यों हुआ सोवियत संघ का विघटन
उस दौर में सोवियत संघ ही था जो कि सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका चुनौती देने की ताकत रखता था. सोवियत संघ का विघटन कई कारणों से हुआ था. इसमें सोवियत संघ के अंदर आंतरिक समस्याएं, जैसे की खराब अर्थव्यवस्था और राजनीति अस्थिरता शामिल थी. इसके अलावा बाल्टिक देशों और अन्य गणराज्यों में राष्ट्रवादी भावनाओं का भी जन्म हुआ था. सोवियत संघ की योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था और सैन्य खर्च की वजह से देश को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया था. सोवियत संघ में राजनीतिक स्थिरता की कमी थी और कम्युनिस्ट पार्टी का नियंत्रण कमजोर हो रहा था, जिससे गणराज्यों में अलगाववाद को बढ़ावा मिला था.
किन देशों ने अलग होने में दिया साथ
सोवियत संघ के अलग-अलग गणराज्यों में राष्ट्रवादी भावनाएं बढ़ रही थीं और वे सभी अपनी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहे थे. अगस्त 1991 में सोवियत संघ के कठोर कम्युनिस्टों द्वारा राष्ट्रपति गोर्बाचेव के खिलाफ तख्तापलट की कोशिश की गई थी जो कि असफल हो गई थी. जिससे सोवियत संघ के विघटन का रास्ता साफ हो गया था. 1991 में रूस, यूक्रेन और बेलारूस ने सोवियत संघ से अलग होने की घोषणा की थी और अन्य गणराज्यों ने भी उनका साथ दिया.
विघटन के क्या थे कारण
8 दिसंबर 1991 को रूस, यूक्रेन और बेलारूस और राष्ट्रपतियों ने बेलवेजा समझौते पर साइन किए, इसमें सोवियत संघ के विघटन और स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल की स्थापना की घोषणा की गई. सोवियत संघ के विघटन के कारण आर्थिक स्थिरता, राजनीतिक भ्रष्टाचार, सुधारों की विफलता, बढ़ते राष्ट्रवाद, और बाहरी दबावों का संयोजन थे.