नक्सलियों पर लगातार हो रहे प्रहार के बीच नक्सलियों की तरफ से शांतिवार्ता का प्रस्ताव भेजा जा रहा है. मंगलवार (29 अप्रैल) को नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता अभय ने सरकार को पत्र लिख कर शांति वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाने की अपील की थी. वहीं अब छत्तीसगढ़ सरकार ने माओवादियों से शांतिवार्ता से साफ इनकार कर दिया है.
छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि सरकार नक्सलियों से कोई शांतिवार्ता नहीं करेगी. इसके अलावा गृहमंत्री ने मध्यस्थता करने वालों पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि ये कौन लोग हैं जो नक्सलियों को मरता देख शांतिवार्ता करने आए हैं.
‘ये देश तोड़ने की साजिश’
गृहमंत्री ने ये भी कहा, “छत्तीसगढ़ में जब झीरम घाटी का हमला हुआ, आईडी ब्लास्ट में कई जवान और ग्रामीण मारे गए, तब ये लोग कहां थे. आज हमारे सुरक्षाबल के जवान अपनी जान की परवाह न करते हुए नक्सलियों को सबक सिखा रहे हैं तो शांतिवार्ता याद आ रही है. ये सिर्फ देश तोड़ने की साजिश है, ऐसे लोगों को संविधान या मानवाधिकार की बात भी नहीं करना चाहिए.”
3 ईनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में तीन ईनामी नक्सलियों समेत छह नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों की पहचान कड़ती देवा (34), लक्खे कुहड़ाम (30), मिथलेश उर्फ मुद्दा ओयाम (25), पगनु वेको (37), मसराम राम कड़ती (27) और भीमसेन ओयाम (30) ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर कर दिया.
अधिकारियों ने बताया कि नक्सली कड़ती देवा पर दो लाख रुपये और महिला नक्सली लक्खे कुहड़ाम और मिथलेश पर एक- एक लाख रूपए का ईनाम है. उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने जिले में चलाये जा रहे लोन वर्राटू (घर वापस आईये) अभियान और राज्य सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर तथा माओवादी संगठनों में आंतरिक मतभेद से तंग आकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है.