पहलगाम आतंकी हमले में मारे गये आईबी अधिकारी मनीष रंजन का पार्थिव शरीर आज सुबह रांची एयरपोर्ट पहुंचा. यहां से उनके पार्थिव शरीर को परिजन झालदा ले गए, जहां उनका अंतिम संस्कार होगा. एयरपोर्ट पर जब मनीष रंजन का पार्थिव शरीर पहुंचा, तो पूरा माहौल गमगीन दिखा. उनकी पत्नी और बच्चे वहीं बेसुध पड़े रहे. परिवार वालों ने कहा कि केंद्र सरकार आतंकियों के खिलाफ ठोस से ठोस कार्रवाई करे.
पत्नी और बच्चों के साथ घूमने गए थे मनीष रंजन
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में टूरिस्ट स्पॉट पर मंगलवार (22 अप्रैल) को हुए आतंकी हमले में आईबी अधिकारी मनीष रंजन की जान चली गई थी. वह अपनी पत्नी जया मिश्रा, 12 साल के बेटे और 8 साल की बेटी के साथ कश्मीर घूमने गए थे, जहां आतंकियों ने उनपर गोली चला दी. मनीष रंजन हैदराबाद में आईबी के सेक्शन ऑफिसर के पद पर तैनात थे.
पहलगाम में आतंकी हमले में जान गंवाने वाले इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी मनीष रंजन मूल रूप से करगहर प्रखंड के आरुही गांव के रहने वाले थे. उनके बड़े भाई मंगलेश कुमार मिश्रा पश्चिम बंगाल के पुरूलिया में वरिष्ठ शिक्षक हैं. वे झालदा में ही घर बनाकर पूरे परिवार के साथ रहते हैं.
मनीष रंजन के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
मनीष के इस तरह से चले जाने से पूरे परिवार में मातम है. उनका अंतिम संस्कार झालदा में ही होगा. जैसे ही मनीष का शव एयरपोर्ट से बाहर आया, वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था. मनीष की बॉडी रिसीव करने आए उनके मामा से जब मीडिया ने सवाल किया तो उनका कहना था कि अभी वे वैसी मानसिकता में नहीं हैं कि किसी भी सवाल का जवाब दे सकें.
‘दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा’- बाबूलाल मरांडी
वहीं, झारखंड के नेता प्रतिपक्ष सह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी एयरपोर्ट पहुंचे और मनीष रंजन को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. भारत सरकार ने अपना काम शुरू कर दिया है.