छत्तीसगढ़ के बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशन जारी है. मंगलवार (22 अप्रैल) की सुबह से चल रहे इस अभियान में करीब 5000 से अधिक जवान माओवादियों की बटालियन नंबर-1 को घेर चुके हैं. पिछले 48 घंटे से लगातार दोनों ओर से गोलीबारी हो रही है.
सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ स्थल पर जवानों के लिए हेलीकॉप्टर से पानी और भोजन पहुंचाया गया है. वहीं, बीजापुर से बड़ी संख्या में बैकअप फोर्स भी भेजी गई है. इस ऑपरेशन में छत्तीसगढ़ पुलिस, DRG, बस्तर फाइटर, कोबरा, STF और CRPF के साथ-साथ तेलंगाना की ग्रेहाउंड्स फोर्स भी शामिल है.
200 से अधिक नक्सली मौजूद
मौके पर 200 से अधिक नक्सलियों की मौजूदगी की जानकारी सामने आई है, जिनमें PLGA और कंपनी नंबर-1 के कई बड़े नक्सली नेता— हिड़मा, देवा, सहदेव और केशव — शामिल बताए जा रहे हैं. अब तक 5 नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैं. पूरे इलाके में जवानों द्वारा सघन सर्च ऑपरेशन जारी है.
IG सुंदरराज पी का बयान
बस्तर रेंज के IG सुंदरराज पी. ने बताया कि बीते हफ्ते बीजापुर के पुजारी कांकेर-गलगम की पहाड़ियों में नक्सलियों की भारी मौजूदगी की सूचना मिलने पर रविवार को रणनीति बनाकर ऑपरेशन शुरू किया गया. मंगलवार सुबह जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई.
IG का कहना है, “यह अब तक का सबसे बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशन है. अब तक 5 नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं. मारे गए नक्सलियों की संख्या और बढ़ सकती है. जवानों की ओर से कोई हताहत नहीं हुआ है. ऑपरेशन के पूरी तरह समाप्त होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी.” इस ऑपरेशन की गंभीरता को देखते हुए इसे इतिहास का एक निर्णायक मोड़ माना जा रहा है, जो माओवादी संगठन की जड़ों पर सीधा प्रहार है.