समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना ‘सौगात-ए-मोदी’ पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार की ओर से दी जाने वाली सौगातों का कोई महत्व नहीं है, जब तक मुसलमानों को उनके संवैधानिक अधिकार नहीं दिए जाते. उन्होंने कहा कि मुझे हंसी आ रही है कि सौगात-ए-मोदी दी जा रही है, लेकिन मुसलमानों का हक छीना जा रहा है.
हर मस्जिद के नीचे मंदिर नजर आ रहा है- अबू आजमी
अबू आजमी ने कहा कि आज देश में मुसलमानों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है. मस्जिदों में घुसकर मुसलमानों को मारा जा रहा है, हर मस्जिद के नीचे मंदिर नजर आ रहा है, गाय के नाम पर मुसलमानों को मारा जा रहा है. उन्होंने नागपुर की हालिया घटना का जिक्र करते हुए बताया कि किस तरह एक मुसलमान को बेवजह मौत के घाट उतार दिया गया.
मुसलमानों के खिलाफ माहौल- अबू आजमी
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “चारों तरफ मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है. जब मुसलमानों को हज सब्सिडी मिल रही थी, तब कहा गया कि रेवड़ी बांटी जा रही है, लेकिन अब उन पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं. मुसलमानों के साथ गलत हो रहा है. मैं कहूंगा कि सौगात मत दीजिए, उसे रख लीजिए, नौकरी भी मत दीजिए, लेकिन मुसलमानों को इज्जत और सम्मान दीजिए. उनके हक को छीना न जाए.”
यूपी में मुसलमानों की सुरक्षा पर क्या बोले अबू आजमी?
अबू आजमी ने कहा कि मुसलमानों को वही अधिकार मिलने चाहिए जो बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की ओर से बनाए गए संविधान में दिए गए हैं. उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “भले ही होली साल में एक दिन आती है और जुम्मा 52 बार, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मुसलमान जुम्मे के दिन घर से बाहर न निकले. यह कौन सी सुरक्षा है? जो कहते हैं कि तिरपाल की टोपी बना लो, मस्जिदों को तिरपाल से ढकना पड़े, क्या यही सम्मान है?”
उन्होंने अंत में कहा कि अगर कोई सबसे ज्यादा परेशान और निशाने पर है, तो वह मुसलमान ही हैं. सरकार को चाहिए कि वह सौगात देने के बजाय मुसलमानों को बराबरी का दर्जा और संविधान में मिले अधिकार सुनिश्चित करें.