जमीन, हवा और पानी में लड़ने में माहिर होते हैं ये कमांडो, जानिए कैसे होता है सिलेक्शन और कितनी मिलती है सैलरी…

Share

भारतीय नौसेना की एक विशेष बल इकाई है, जिसे MARCOS (Marine Commandos Force) के नाम से भी जाना जाता है. यह भारत की अत्यधिक प्रशिक्षित और कुशल विशेष बलों में से एक है. आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं.

जानिए कौन होते हैं मरीन कमांडो

मरीन कमांडो भारतीय नौसेना के विशेष बल हैं जिन्हें 1987 में स्थापित किया गया था. इन्हें “मार्कोस” (MARCOS) के नाम से भी जाना जाता है, जो “Marine Commando Force” का संक्षिप्त रूप है. ये अत्यधिक प्रशिक्षित योद्धा होते हैं जो जल, थल और वायु में किसी भी परिस्थिति में अभियान चला सकते हैं.

 

 

ऐसे होती है मार्कोस की नियुक्ति

  • प्रारंभिक चयन: मरीन कमांडो बनने के लिए सबसे पहले व्यक्ति को भारतीय नौसेना में भर्ती होना पड़ता है.
  • स्वैच्छिक आवेदन: नौसेना के जवान या अधिकारी MARCOS में शामिल होने के लिए स्वैच्छिक आवेदन करते हैं.
  • कठोर शारीरिक परीक्षण: उम्मीदवारों को अत्यंत कठिन शारीरिक परीक्षणों से गुजरना पड़ता है.
  • मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन: उम्मीदवारों का मानसिक हठ और तनाव में कार्य करने की क्षमता का मूल्यांकन किया जाता है.
  • विशेष प्रशिक्षण: चयनित उम्मीदवारों को लगभग 3 साल का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है. बेसिक कमांडो कोर्स, स्कूबा डाइविंग और अंडरवाटर ऑपरेशन, पैराशूट ट्रेनिंग, जंगल और पर्वतीय युद्ध प्रशिक्षण  आतंकवाद विरोधी अभियान प्रशिक्षण और बंदी बचाव अभियान प्रशिक्षण की ट्रेनिंग होती है.

मार्कोस के ये होते हैं मुख्य टास्क

  • आतंकवाद विरोधी अभियान: समुद्री क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला करना.
  • विशेष अभियान: समुद्र, नदियों या झीलों में विशेष सैन्य अभियान चलाना.
  • बंधक बचाव अभियान: जहाजों या तटीय क्षेत्रों में बंधक बनाए गए लोगों को बचाना.
  • समुद्री डकैती रोकना: समुद्री डकैती और समुद्री लुटेरों के खिलाफ अभियान.
  • सीमा सुरक्षा: समुद्री सीमाओं की सुरक्षा करना.
  • खुफिया जानकारी एकत्र करना: शत्रु क्षेत्रों में खुफिया जानकारी एकत्र करना.
  • सबोटाज ऑपरेशन: शत्रु के ठिकानों और उपकरणों को नष्ट करना.
  • अन्य विशेष कार्य: युद्ध या आपातकालीन स्थितियों में विशेष अभियान चलाना.

मार्कोस को इतनी मिलती है सैलरी

मरीन कमांडो का वेतन उनके रैंक, अनुभव और विशेषज्ञता के आधार पर अलग-अलग होता है.

  • मूल वेतन: रैंक के अनुसार ₹25,000 से ₹1,20,000 प्रति माह तक हो सकता है.
  • भत्ते: मूल वेतन के अतिरिक्त, वे निम्नलिखित भत्ते प्राप्त करते हैं:
    – विशेष बल भत्ता (Special Forces Allowance)
    – जोखिम भत्ता (Risk Allowance)
    – परिवहन भत्ता (Transport Allowance)
    – आवासीय भत्ता (Housing Allowance)
    – राशन भत्ता (Ration Allowance)
    – वर्दी भत्ता (Uniform Allowance)

कुल मिलाकर, एक मरीन कमांडो की औसत मासिक आय लगभग 60,000 से 2,00,000 रुपये तक हो सकती है, जो उनके रैंक और सेवा अवधि पर निर्भर करती है. मरीन कमांडो भारतीय सशस्त्र बलों के सबसे प्रतिष्ठित और शक्तिशाली विशेष बलों में से एक हैं, जिन्हें “समुद्री देवदूत” भी कहा जाता है.

 

 

 

Share Article:

एक नजर

विज्ञापन

Johar Saga

सोशल मीडिया क्रांति के इस दौर में JOHAR SAGA ने धमतरी जिले की हर छोटी-बड़ी खबर को सटीकता, विश्वसनीयता और गति के साथ आप तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। हमारा लक्ष्य है जन सरोकार से जुड़ी पत्रकारिता को नई दिशा देना, जहां हर खबर न केवल जानकारी दे, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव का माध्यम बने।

ताजा खबरे

Edit Template

हमारे बारे में

“JOHAR SAGA: सटीक, विश्वसनीय और तेज पत्रकारिता का नया आयाम”

“सोशल मीडिया क्रांति के इस दौर में JOHAR SAGA ने धमतरी जिले की हर छोटी-बड़ी खबर को सटीकता, विश्वसनीयता और गति के साथ आप तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। हमारा लक्ष्य है जन सरोकार से जुड़ी पत्रकारिता को नई दिशा देना, जहां हर खबर न केवल जानकारी दे, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव का माध्यम बने।

रियल-टाइम एनालिसिस और विस्तृत कवरेज के साथ, हम यह सुनिश्चित करते हैं कि आप हर खबर में सबसे आगे रहें। हमारी जिम्मेदारी सिर्फ खबरें देना नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच तैयार करना है जो सच को उजागर करे और आपकी आवाज को समाज के हर कोने तक पहुंचाए।

JOHAR SAGA पत्रकारिता के इस नए युग में आपकी भरोसेमंद आवाज बनने का वादा करता है।”

Follow Me & LIVE Tv

  • All Post
  • क्राइम
  • छत्तीसगढ़
  • देश-दुनिया
  • धमतरी
  • नगर निगम
  • पॉलिटिक्स
  • मनोरंजन
  • मुख्य पृष्ट
  • स्पोर्ट्स
© 2021-25 Created with JOHAR SAGA NEWS
Scroll to Top