धमतरी/ 22 जुलाई जब योजनाएं संवेदना से जुड़ती हैं, तो सिर्फ पेट ही नहीं, दिल भी भरता है। धमतरी में संचालित “शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न सहायता योजना” इसका जीता-जागता उदाहरण बन चुकी है। मात्र ₹5 में परोसी जा रही यह पौष्टिक और स्वादिष्ट थाली आज सैकड़ों श्रमिकों के लिए सहारा, सम्मान और सुकून का पर्याय बन गई है।
कलेक्टर अविनाश मिश्रा की पहल पर इस योजना का विस्तार हाल ही में श्यामतराई सब्ज़ी मंडी में किया गया, जहां नया श्रम अन्न भोजनालय शुरू किया गया है। अब शहर में कुल तीन स्थानों पर यह सेवा उपलब्ध है:
▪️ कचहरी चौक: 11:00 AM – 2:00 PM
▪️ मकई गार्डन: 8:30 AM – 11:00 AM
▪️ सब्ज़ी मंडी, श्यामतराई: 8:30 AM – 11:00 AM
भोजन से गरिमा तक — योजना का मानवीय पक्ष
यह योजना केवल भूख मिटाने तक सीमित नहीं रही, बल्कि श्रमिकों के आत्मसम्मान की रक्षा करने वाली एक सशक्त सामाजिक पहल बन चुकी है। शुरुआत में मकई गार्डन में खुले में भोजन करने की समस्या आई — कभी धूप, तो कभी बारिश भोजन में बाधा बनती।
इस समस्या को महापौर रामू रोहरा और नगर निगम आयुक्त प्रिया गोयल ने गंभीरता से लिया। नगर निगम ने तत्परता दिखाते हुए शेड का निर्माण कराया, जिससे अब श्रमिक आराम से बैठकर छांव में भोजन कर सकते हैं।
महापौर रोहरा ने कहा:
“यह केवल छाया नहीं, एक मानवीय दृष्टिकोण है। हम चाहते हैं कि श्रमिक भाई-बहन गरिमा और सुकून के साथ भोजन कर सकें।“
आयुक्त प्रिया गोयल व उपायुक्त पीसी सार्वा ने कहा:
“यह योजना भोजन के साथ-साथ सम्मान परोसने की कोशिश है। हर नागरिक को गरिमापूर्ण भोजन का अधिकार है।“
संवेदना से सेवा का मेल — धमतरी बना उदाहरण
अब प्रतिदिन दर्जनों श्रमिक इस सेवा का लाभ ले रहे हैं। बारिश हो या धूप, उनके लिए अब भोजन की व्यवस्था सुलभ और सुरक्षित है। इससे यह साबित हुआ है कि जब प्रशासनिक इच्छाशक्ति, मानवीय दृष्टिकोण और सेवा भावना एक साथ जुड़ते हैं, तो योजनाएं सिर्फ कागज पर नहीं, जमीन पर परिवर्तन का माध्यम बनती हैं।
₹5 की थाली में सिर्फ भोजन नहीं — परोसा जा रहा है सम्मान, सहयोग और संवेदना
धमतरी की यह योजना अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सकती है। यह कहानी बताती है कि यदि सोच संवेदनशील हो, तो छोटा खर्च भी बड़ी गरिमा दे सकता है।