महंगाई बढ़ रही है और नौकरी की स्थिरता घट रही है, ऐसे में रिटायरमेंट की तैयारी अब विलासिता नहीं, ज़रूरत बन गई है. भारत में दो लोकप्रिय विकल्प इस दिशा में लोगों की मदद कर रहे हैं, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF). दोनों स्कीम्स रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा देने का वादा करती हैं, लेकिन इनके काम करने के तरीके, रिटर्न, टैक्स लाभ और जोखिम में बड़ा फर्क है.
क्या है NPS?
नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS एक सरकारी, मार्केट-लिंक्ड निवेश योजना है, जो 18 से 70 साल की उम्र के सभी भारतीय नागरिकों के लिए खुली है, चाहे आप सैलरीड हों या सेल्फ-एम्प्लॉयड. इसमें आप अपनी पसंद के अनुसार निवेश को शेयरों, सरकारी बॉन्ड्स, कॉरपोरेट बॉन्ड्स या दूसरे विकल्पों में बांट सकते हैं.
यह स्कीम निवेशक को अपनी पसंद के फंड मैनेजर और एसेट एलोकेशन चुनने की आज़ादी देती है. अगर आप युवा हैं और लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं तो आप Active Choice के जरिए 75 फीसदी तक इक्विटी में निवेश करके बेहतर रिटर्न पा सकते हैं. इसकी औसत सालाना रिटर्न 8 फीसदी से 12 फीसदी तक मानी जाती है.
क्या है VPF?
VPF यानी वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड, EPF (Employees’ Provident Fund) का विस्तार है. यह सिर्फ उन्हीं सैलरीड लोगों के लिए उपलब्ध है जो EPF में पहले से रजिस्टर्ड हैं. इसमें कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और डिअरनेस अलाउंस का 100 फीसदी तक योगदान कर सकता है.
VPF का रिटर्न फिक्स्ड होता है, जो करीब 8 फीसदी से 8.5 फीसदी सालाना होता है और यह पूरी तरह से सरकारी गारंटी वाली स्कीम है. इसका पैसा EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) द्वारा मैनेज किया जाता है, जिससे जोखिम शून्य हो जाता है.
टैक्स और निकासी के फायदे
NPS और VPF दोनों पर टैक्स में छूट मिलती है, लेकिन NPS में धारा 80CCD(1B) के तहत अतिरिक्त 50 हज़ार रुपये की छूट मिलती है. वहीं, VPF में अगर आपने लगातार 5 साल तक निवेश किया तो ब्याज और मेच्योरिटी अमाउंट टैक्स-फ्री हो जाता है.
निकासी के मामले में VPF ज़्यादा लचीला है, आप 5 साल बाद ज़रूरत पड़ने पर पैसे निकाल सकते हैं. दूसरी ओर, NPS में 60 साल की उम्र तक निवेश लॉक रहता है और मेच्योरिटी पर कम-से-कम 40 फीसदी अमाउंट से एन्युटी (मंथली पेंशन) लेना जरूरी होता है.
किसके लिए क्या बेहतर है?
NPS: अगर आप खुद का व्यवसाय करते हैं या नौकरी में रहते हुए भी लंबी अवधि के लिए ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, तो NPS बेहतर विकल्प है. यह टैक्स प्लानिंग के साथ साथ रिटायरमेंट सिक्योरिटी भी देता है.
VPF: अगर आप जोखिम से बचना चाहते हैं और एक स्थिर, सरकारी गारंटी वाला रिटर्न पसंद करते हैं, तो VPF आपके लिए सही रहेगा.
कुछ लोग दोनों स्कीम्स का लाभ भी उठा सकते हैं, VPF से स्थिरता और NPS से ग्रोथ.
आसान भाषा में समझाएं तो अगर आप युवा हैं और लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो NPS आपके लिए बेहतर हो सकता है. लेकिन अगर आप ज़्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते और सेफ्टी को प्राथमिकता देते हैं, तो VPF को चुन सकते हैं.